भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि आईएमएफ के अप्रैल 2023 के विश्व आर्थिक आउटलुक में वैश्विक विकास 2023 में घटकर 2.8 फीसदी होने का अनुमान लगाया गया है। 2022 में 3.4 फीसदी वैश्विक विकास का अनुमान लगाया गया था। उन्होंने कहा कि 2024 में फिर से तीन फीसदी की वृद्धि रहेगी। दास ने कहा, आर्थिक मंदी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रित है। हालांकि, 2023 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लगभग 70 फीसदी योगदान देने की उम्मीद है। इन्हीं अनुमानों के मुताबिक भारत चालू वित्त वर्ष में वैश्विक वृद्धि में करीब 15 फीसदी का योगदान देगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लंबे समय से चल रहे भू-राजनीतिक संघर्ष, विभिन्न देशों से बढ़ते मुद्रास्फीति के दबाव और दुनिया भर के प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति को सख्त करने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को सख्त वित्तीय स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। आईएमएफ के अप्रैल 2023 के विश्व आर्थिक आउटलुक में वैश्विक विकास 2022 में 3.4 फीसदी से घटकर 2023 में 2.8 फीसदी हो जाएगा, जो 2024 में फिर से बढ़कर 3 फीसदी हो जाएगा।
The global economy is facing headwinds from the lingering geopolitical conflict, elevated inflationary pressures from across countries and tighter financial conditions on the back of monetary policy tightening by major central banks across the world. The IMF's World Economic… pic.twitter.com/A3f4GwCDZ0
— ANI (@ANI) May 24, 2023
ब्याज दर में वृद्धि को रोकना मेरे हाथ में नहीं – गवर्नर शक्तिकांत दास
आरबीआई गवर्नर ने आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि ब्याज दर में वृद्धि को रोकना मेरे हाथ में नहीं है। यह परिस्थिति पर निर्भर करेगा। दास ने आगे कहा, खुदरा मुद्रास्फीति के अगले आंकड़े में महंगाई दर के घटकर 4.7 फीसदी से नीचे आने की उम्मीद है।
महंगाई कम हुई, कोताही की कोई गुंजाइश नहीं – गवर्नर शक्तिकांत दास
गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात को स्वीकार किया कि मुद्रास्फीति नीचे आई है, लेकिन लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था की उत्पादकता जरूरतों को पूरा करने के लिए आरबीआई पर्याप्त लिक्विडिटी सुनिश्चित करेगा। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा जताते हुए कहा कि लिक्विडिटी और कैपिटल की मजबूत स्थिति और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के साथ भारत का बैंकिंग सिस्टम स्थिर और मजबूत बना हुआ है। उन्होंने कहा रिजर्व बैंक वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए अर्थव्यवस्था को पूरा समर्थन करेगा।
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