बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली के हाफिजगंज थाना प्रभारी ने मोबाइल को लेकर नया फरमान जारी किया है. उनका कहना है कि अगर कार्यालय में मुलाकात करनी है, तो कार्यालय में घुसने से पहले मोबाइल फोन, शर्ट, टीशर्ट या कुर्ते की जेब में नहीं, मोबाइल को पेंट की जेब या नीचे की जेब में रखना होगा.इंस्पेक्टर ने अपने फरमान का नोटिस भी कार्यालय के बाहर चस्पा करा दिया है. जिससे इंस्पेक्टर के कार्यालय में घुसने वाले मोबाइल को नीचे की जेब में रख लें.इसके साथ ही कार्यालय के गेट पर काले शीशे भी लगाएं हैं.जिससे कोई अंदर का न देख सके.इसके साथ ही मोबाइल से वीडियो एवं फ़ोटो न खींच सके.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, इंस्पेक्टर हाफिजगंज के मोबाइल फोन का फरमान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. हालांकि, पुलिसकर्मियों का कहना है कि लोग मोबाइल फोन ऊपरी जेब में रखकर चुपके से वीडियो बना लेते हैं. इसके साथ ही फ़ोटो भी खींच लेते हैं, जिसके चलते बाद में काफी विवाद होता था. इसीलिए इंस्पेक्टर ने कार्यालय के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया है. इस नोटिस में लिखा है कि कार्यालय में अंदर आते समय मोबाइल फोन ऊपर की जेब में न रखकर नीचे की जेब में रखें.
तलाशी के बाद ही मिलता है फरियादियों को प्रवेश
इसके साथ ही नोटिस का पालन कराने के लिए कार्यालय के गेट के बाहर दो सिपाहियों की तैनाती की गई है. यह सिपाही फरियादियों की तलाशी लेने के दौरान उनका मोबाइल फोन चेक करते हैं. मोबाइल फोन का कैमरा और वॉइस रिकॉर्डर बंद होने के बाद ही फरियादियों को इंस्पेक्टर के कार्यालय में प्रवेश दिया जाता है.
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पुलिसकर्मियों ने बताया क्यों आया नया फरमान
इंस्पेक्टर के इस रवैया की चर्चा जगह-जगह शुरू हो गई है. इसको लेकर कुछ पुलिसकर्मियों का कहना है कि फरीदपुर में सीओ साहब का वीडियो बनाते हुए कुछ लोगों को पकड़ा गया था. इसके साथ ही कुछ पुलिसकर्मियों के भी कुछ लोगों ने वीडियो बना लिए थे. इसी को लेकर इस तरह का फैसला लिया गया है. इस मामले में इंस्पेक्टर हाफिजगंज रविन्द्र कुमार से बात करने की कोशिश की गई. मगर, उनका फोन नहीं उठा.