इंडोनेशिया की राजधानी बाली में इस साल नवंबर में G-20 सम्मेलन होने जा रहा जिसमें कई वैश्विक नेता शिरकत करेंगे इस सम्मेलन से पहले इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो खुद को वैश्विक शांतिदूत के तौर पर पेश कर रहे हैं| विडोडो ने दिए इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन युद्ध समेत कई मौजूदा वैश्विक घटनाक्रमों पर बात की | उन्होंने रूस पर भारत और इंडोनेशिया के रुख का भी समर्थन किया |
इंडोनेशिया की तरह भारत ने भी यूक्रेन हमले को लेकर रूस की निंदा से परहेज किया है और रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों का समर्थन नहीं किया | ऐसे में क्या G-20 में ऐसे देशों के लिए भी जगह है , जिनकी रूस, यूक्रेन हमले को लेकर गुटनिरपेक्ष स्थिति है ? इस सवाल के जवाब में जोको विडोडो ने कहा , “हम सभी को एक साथ बैठना चाहिए , फिर चाहे आप किसी भी ब्लॉक या गुट के हो | सबसे जरूरी यह है कि हमें अपने अहं को कम कर मानवता को बचाने , खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मामलों को प्राथमिकता देने की जरूरत है |
पिछले महीने जर्मनी में प्रधानमंत्री मोदी से विडोडो की मुलाकात और G-20 में दोनों नेताओं के सहयोग के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात के दौरान हमने अर्थव्यवस्था , निवेश सहित द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक बातचीत की थी | हमने खाद्य तेल के भारतीय आयात पर भी चर्चा की मैंने उन्हें बताया था कि हमने मई में इससे प्रतिबंध हटा दिए थे ताकि दुनियाभर में ताड़ के तेल के वितरण को बहाल किया जा सके |
पीएम मोदी और विडोडो के बीच समानताएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विडोडो दोनों 2014 में अपने-अपने देशों में सत्ता में आए थे |एक तरफ जहां विडोडो सोलो शहर के मेयर थे | वहीं , मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे | 2024 में राष्ट्रपति के रूप में विडोडो के कार्यकाल के 10 साल पूरे होने जा रहे हैं | हालांकि, विडोडो ने कहा कि वह इसके बाद राष्ट्रपति के रूप में एक और कार्यकाल नहीं चाहते | उन्होंने कहा कि वह अपने शहर सोलो लौट जाएंगे और पर्यावरण को बचाने में अपनी भूमिका के बारे में सोचेंगे |
क्वॉड में शामिल होगा इंडोनेशिया?
अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नवगठित क्वाड संगठन में शामिल होने को लेकर विडोडो ने कहा कि आसियान और भारत के बीच इंडो पैसिफिक को लेकर सहयोग बढ़ना चाहिए | हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देशों के बीच अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा नहीं हो | उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका और चीन दुश्मनी को भी संभालना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि संघर्ष की यह स्थिति नहीं बढ़े | इंडोनेशिया की विदेश नीति का लक्ष्य सभी देशों के साथ दोस्ताना संबंधों बनाए रखना है |अमेरिका, इंडोनेशिया का रणनीतिक साझेदार है जबकि चीन भी प्रमुख रणनीतिक साझेदार देश है|
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