देश के विभिन्न जेलों में कैदियों के लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मोदी सर्कार अब एक स्कीम शुरू करने जा रही है जिसका मकसद जेलों में कैदियों की संख्या काम करना है | गृह मंत्रालय ने इसी उम्मीद के तहत जेलों में बंद गरीब लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष योजना शुरू करने का फैसला किया है। यह स्कीम उन कैदियों के लिए है जो जुर्माना या जमानत राशि देने में असमर्थ होने के कारण जेलों में बंद हैं |
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, “इससे गरीब कैदी, जिनमें से अधिकांश सामाजिक रूप से वंचित या निम्न शिक्षा और आय स्तर वाले समूहों से संबंधित हैं, जेल से बाहर निकल सकेंगे।” बयान के मुताबिक, योजना का लाभ गरीब कैदियों तक पहुंचे, इसके लिए तकनीक आधारित समाधान तैयार किए जाएंगे, ई-प्रिजन प्लेटफॉर्म को मजबूत किया जाएगा और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को मजबूत किया जाएगा।
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असमर्थ कैदियों के लिए केंद्र सरकार की स्कीम
गृह मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय समय-समय पर जेलों में विचाराधीन कैदियों के मुद्दे को हल करने के लिए कई कदम उठा रहा है | इनमें दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 436ए को शामिल करना, सीआरपीसी में एक नया अध्याय XXIA ‘प्ली बार्गेनिंग’ (Plea Bargaining) को शामिल करना भी शामिल है | गृह मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर कानूनी सेवा प्राधिकरण (Legal Services Authority) के जरिये गरीब कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जा रही है |
योजना का लाभ गरीब कैदियों तक पहुंचे, इसके लिए तकनीक आधारित समाधान तैयार किए जाएंगे, ई-प्रिजन प्लेटफॉर्म को मजबूत किया जाएगा और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा हितधारकों को संवेदनशील बनाया जाएगा और क्षमता पर जोर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने बजट भाषण में उन गरीब कैदियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की थी, जो अपने दंड या जमानत राशि को वहन करने में असमर्थ हैं।
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