कोलकाताः घर में सुख-शांति एवं समृद्धि भरा माहौल बना रहे और तरक्की कदमों पर हो, इसकी चाहत किसे नहीं होती। इसके लिए अमूमन हर व्यक्ति मेहनत और लगन से अपने प्रोफेशन में कार्य करने में जुटा रहता है। कभी-कभी कड़ी मेहनत और लगन के बावजूद हमें वह मुकाम हासिल नहीं होता, जिसकी तलाश हमे अक्सर रहती है। इसके पीछे वास्तु दोष हो सकते हैं। वास्तुशास्त्र में घर को व्यवस्थित करने के लिए नियम बनाए गए हैं, साथ ही जीवन में खुशहाली के लिए कुछ विशेष निर्देश भी दिए गए हैं। इन निर्देशों का पालन करके तरक्की हासिल करने में मदद मिलती है।
हम आपको भोजन करते समय वास्तु की किन बातों का ध्यान रखना है, ये बताने जा रहे हैं। वास्तु के मुताबिक अगर आप इन नियमों का नियमित रूप से पालन करते रहेंगे, तो जीवन में आपको काफी लाभ होगा। जानें आप किन-किन दिशाओं में भोजन करके अपने जीवन में खुशियां ला सकते हैं।
पूर्व दिशा
कहते हैं कि अगर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना खाया जाए, तो इससे शारीरिक दिक्कतें दूर होती हैं। साथ ही जो लोग स्ट्रेस यानी मानसिक तनाव को झेल रहे हैं, उन्हें भी राहत मिलती है। वास्तु के मुताबिक पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना खाने से तन और मन सदैव तरोताजा रहता है और एक अलग तरह की खुशी हमारे मन में बनी रहती है। ये भी कहा जाता है कि अगर घर का कोई सदस्य बीमार हो, तो उसे पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना खिलाए। कुछ समय में उसकी सेहत में सुधार देखने को मिल सकता है।
उत्तर दिशा
इस दिशा की ओर मुंह करके खाना खाने से धन की प्राप्ति होती है। साथ ही अगर आप धन की हानि का सामना कर रहे हैं, तो ये परेशानी भी ऐसा करने से दूर हो सकती है। इस वास्तु नियम का पालन करने से काम में चल रही रुकावटें खत्म होती है और व्यापार में सफलता भी मिलती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी उत्तर दिशा में मुंह करके भोजन करना शुभ माना जाता है। इससे उनका मन शांत होता है और वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे पाते हैं।
पश्चिम दिशा
कहते हैं कि पूर्व और उत्तर दिशा के अलावा अगर भोज पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके किया जाए, तो ये भी बहुत शुभ होता है। जो लोग नौकरी करते हैं, वे अगर ऐसा करते हैं, तो उन्हें तरक्की के नए अवसर मिलते हैं। साथ ही जो लोग क्रिएटिव फील्ड में वर्क करते हैं, उन्हें भी पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके ही भोजन करना चाहिए। इस तरीके को अपनाने से उन्हें अपने क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होते हैं।
जमीन पर खाएं
शास्त्रों में लिखा हुआ है कि अन्न का सम्मान करना है, तो भोजन सदैव जमीन पर बैठकर ही करना चाहिए। आजकल लोग डाइनिंग टेबल के अलावा बेड पर बैठकर ही भोजन करते हैं। वास्तु के मुताबिक ये एक तरह का दोष होता है, जो आर्थिक और शारीरिक दोनों रूप से हमें परेशान करता है। पुराने समय में लोग जमीन पर बैठकर ही भोजन करते थे और ये बहुत शुभ भी माना जाता है।