लखनऊ : प्राग नारायण रोड स्थित सपा नेता के करीबी याजदान बिल्डर की पूरी बिल्डिंग गिराई जाएगी। इसके खिलाफ एलडीए ने 30 मार्च को अभियान चलाया था। हालांकि तब दीवार और छतों पर छेदकर छोड़ दिया गया था। लेकिन अब जांच में सभी दस्तावेज फर्जी मिले हैं। ऐसे में इसको पूरी तरह से गिराने का काम होगा। हालांकि इस दौरान यहां फ्लैट खरीदने वाले लोगों का भारी नुकसान हो जाएगा। करीब 65 करोड़ में यह बिल्डिंग बनकर तैयार हुई है।
जांच में पता चला है कि सपा नेता के करीबी बिल्डर ने मानचित्र और रजिस्ट्री समेत एलडीए के कई फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपार्टमेंट का रेरा में रजिस्ट्रेशन करा लिया गया था। 30 मार्च के अभियान के बाद एलडीए अधिकारियों के नीयत पर सवाल उठने लगे थें। उसमें बताया जा रहा था कि कुछ दीवारें तोड़ने और छत में छेदकर महज खानापूर्ति की गई थी। जबकि मौके पर बुलडोजर से अभियान चलाकर उसको पूरी तरह से ध्वस्त करने की बात सामने आई थी।
एलडीए अधिकारियों ने कहा
एलडीए अधिकारियों का कहना है कि इस बिल्डिंग को लेकर साल 2017 में नोटिस जारी कर दिया गया था। लेकिन उसके बाद भी निर्माण जारी रहा। हालांकि चार साल निर्माण बिना एलडीए अधिकारियों के मिली- भगत के संभव नहीं है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने इसमें एक करोड़ रुपए से ज्यादा का घूस लिया था। आरोपी डिवेलपर ने एलडीए से फर्जी मानचित्र का दस्तावेज तैयार कर रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी में प्रॉजेक्ट का रजिस्ट्रेशन करा लिया।
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प्रॉजेक्ट को रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर दिखाकर आवंटियों को भी भ्रमित किया गया। रेरा का अप्रूवल देखने के बाद आवंटियों ने बिल्डर को एडवांस तक दे दिया। जबकि एलडीए से इसका मानचित्र पास नहीं था। यहां तक की जमीन रजिस्ट्री के दस्तावेजों में भी गड़बड़ी पायी गई है। इतने बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद अब एलडीए ने इसे शमन नीति के तहत मानचित्र पास करवाने का कोई भी मौका न देने का फैसला करते हुए पूरी इमारत गिराने का फैसला किया है।