झालावाड़ : हरिमोहन चोडॉवत: झालावाड़ के उन्डल गांव में स्थित कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की पहली इकाई आज फिर शुरू हो गई, 600 मेगावाट की पहली यूनिट दोबारा से शुरू होने से प्रदेश को बिजली संकट में राहत मिलेगी, 3 दिन पहले तकनीकी कारणों के चलते कालीसिंध थर्मल की पहली यूनिट से विद्युत उत्पादन बंद हो गया था तो वहीं दूसरी यूनिट पिछले महीने से ही मेंटेनेंस के चलते बंद पड़ी हुई है ।
गौरतलब है कि झालावाड की कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट मे 600-600 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित है, जिन से लगातार विद्युत उत्पादन हो रहा था, लेकिन पिछले माह वार्षिक मेंटेनेंस के चलते थर्मल की दूसरी यूनिट को बंद करना पड़ा, तो वहीं पहली यूनिट के बॉयलर के कोयला सेक्शन में तकनीकी खराबी आ जाने के चलते 3 दिन पहले विद्युत उत्पादन ठप हो गया था, ऐसे में 1200 मेगावाट की दोनों विद्युत इकाइयों से विद्युत उत्पादन ठप्प हो जाने से प्रदेश का विद्युत संकट और ज्यादा बढ़ गया था,
तब से ही थर्मल प्रशासन इंजीनियर्स और श्रमिकों के सहयोग से यूनिट को दोबारा शुरू करने के प्रयास में जुटा हुआ था और आज थर्मल प्रशासन के प्रयास रंग लाए और थर्मल की पहली यूनिट से विद्युत उत्पादन शुरू हो गया, ऐसे में प्रदेश को बिजली संकट में खासी राहत मिलेगी तो वही थर्मल प्रशासन इसी पखवाड़े में दूसरी यूनिट को भी शुरू करने के प्रयास में जुटा हुआ है।
कालीसिंध थर्मल पाॅवर प्लांट की दाेनाें इकाइयां ठप हाेने से और गहराएगा बिजली संकट
राज्य में इन दिनों बिजली का संकट चल रहा है। भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग जहां तेजी से बढ़ गई है वहीं उत्पादन कम हो रहा है। इसके चलते पूरे प्रदेश में बिजली कटौती हाे रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात काफी खराब हैं। अब थर्मल की दोनों इकाइयां बंद होने से यह संकट और बढ़ेगा। थर्मल की दोनाें इकाइयों में 600-600 मेगावाट बिजली हर घंटे में बनती है। इससे राजस्थान को काफी हद तक बिजली मिल जाती है, लेकिन अभी यहां एक इकाई मेंटेनेंस होने और दूसरी इकाई में तकनीकी खामी आने से बिजली का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है।
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