रामपुर : सुरेश कुमार : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान पिछले 27 महीनों से सीतापुर जेल में बंद हैं 87 मामलों ऐसे 86 में जमानत मिल चुकी है लेकिन एक मामले में पिछले 5 माह से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में फैसला सुरक्षित है। अपनी इस लाचारगी पर आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जिसपर आज ही सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय सुनाए जाने में देरी पर कड़े तेवर दिखाए।
इसके बाद आजम खान के जेल से रिहाई की उम्मीद जताई जाने लगी थी लेकिन तू डाल डाल और मैं पात पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2020 से धारा 420 के अंतर्गत रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहे मामले में दाखिल किए गए आरोप पत्र पर पुन: विवेचना कर आजम खान को गंभीर धाराओं का आरोपी बना दिया है। अदालत ने इस मामले में आजम खान को न्यायिक अभिरक्षा में रखते हुए पेशी के लिए 19 मई की तरीख तय की है तब तक आजम खान की रिहाई मुमकिन नहीं होगी। ऐसे में जल्दी ही आजम खान को सलाखों से बाहर देखने का ख्वाब देख रहे उनके समर्थकों के लिए बड़ा झटका है।
जानिए क्या था पूरा मामला
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान पिछले 27 महीनों से सीतापुर जेल में बंद हैं और रिहाई के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे है। उन पर लंबित 87 मामलों में से 86 में उनको जमानत मिल चुकी है केवल एक मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले 5 माह से फैसला सुरक्षित रखा हुआ है।
बीते दिनों आजम खान के वकील इस लाचारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गए थे जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़े तेवर दिखाते हुए हाई कोर्ट को इसपर जल्द फैसला सुनाने की हिदायत दी। ऐसे में माना जा रहा था कि आजम खान जल्द ही सलाखों से बाहर आ सकेंगे लेकिन आजम खान की रिहाई का ख्वाब जल्दी ही टूट गया क्योंकि रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में सन 2020 से चल रहे मुकदमे में जिसमें आरोप था कि आजम खान के ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे रामपुर पब्लिक स्कूल की तीन अलग-अलग शाखाओं के लिए कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर गलत तरीके से मान्यता प्राप्त कर ली गई थी।
चार्जशीट पर सवाल खड़े करते हुए इस मामले में आजम खान को भी आरोपी बनाए जाने की मांग
हालांकि पुलिस ने इस मामले में अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल करते हुए आजम खान की पत्नी डॉक्टर तजीन फातमा को धारा 420 के अंतर्गत आरोपी बना दिया था लेकिन इस मामले के शिकायतकर्ता और भारतीय जनता पार्टी के नेता आकाश सक्सेना उर्फ हनी ने पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट पर सवाल खड़े करते हुए इस मामले में आजम खान को भी आरोपी बनाए जाने की मांग की थी। पुलिस ने इस मामले में अतिरिक्त विवेचना करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी और अदालत की अनुमति के आधार पर इस मामले में विवेचना की तो कई मामले नियम के विरुद्ध पाए गए जिसमें नेशनल बिल्डिंग कोड के अंतर्गत जिस अधिकारी की एनओसी लगाई गई थी उसने अपना पत्र होने से इनकार कर दिया।
इस दस्तावेज को कूट रचित मानते हुए पुलिस ने पुन की गई विवेचना में अब आजम खान के विरुद धारा 420 467 468 471 और 120 बी के अंतर्गत आरोप पत्र दाखिल किया है। यह भारतीय दंड संहिता की बेहद गंभीर धाराएं है धोखाधड़ी कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर मामलों में लगाई जाती हैं और इनमें उम्र कैद तक का प्रावधान है .
भाजपा नेता आकाश सक्सेना उर्फ हनी के मुताबिक देखिए 2020 में जब हमारे द्वारा इनके कई शिकायते थी उसमें एक शिकायत यह भी थी कि आजम खान ने जो रामपुर पब्लिक स्कूल कि जो मान्यताएं ली थी उसमें कई सरकारी कागज कुछ ऐसे थे उसमें एक स्कूल के नाम जारी करवा कर और 3-3 स्कूलों की उसमे मान्यताये ली गई थी चाहे वह फायर की एनओसी रही हो यह नेशनल बिल्डिंग कोड के कुछ सर्टिफिकेट होते हैं
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