दिल्ली में सीबीआई के एक लीगल एडवाइजर का शव उनके दक्षिणी दिल्ली स्थित आवास में लटकता हुआ मिला था। सीबीआई के लोधी रोड कार्यालय में उप कानूनी सलाहकार के पद पर तैनात 48 वर्षीय जितेंद्र कुमार एस-22 टाइप-4 हुडको प्लेस स्थित अपने घर मृत पाए गए थे। जितेंद्र कुमार हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के मूल निवासी थे। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने सीबीआई के अफसर की मौत को अपने केस से जोड़ते हुए बड़ा दावा किया है। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी की मंजूरी देने के लिए दबाव में सीबीआई के लीगल एडवाइजर जितेंद्र कुमार ने आत्महत्या की।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने इस दौरान भाजपा की ओर से किए गए ‘स्टिंग ऑपरेशन’ को मजाक करार देते हुए कहा कि सीबीआई को उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला है। शराब घोटाले को लेकर भाजपा की तरफ से चलाए जा रहे हैं कि स्टिंग को लेकर उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने पलटवार किया है। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि वह स्टिंग नहीं मजाक है, शराब घोटाले को लेकर भाजपा ने खूब हो-हल्ला मचाया कभी 8 हजार करोड़ कभी तो कभी 11000 करोड़ करो खुद तय नहीं कर पाए कि घोटाला कितने का हुआ। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा, ”सीबीआई ने मेरे घर पर, मेरे बैंक लॉकर की जांच की उसमें भी उन्हें कुछ नहीं मिला। दो कंपनी के लेन देंन को मेरे ऊपर थोपने की कोशिश की। मगर सीबीआई जांच में मुझे लगभग क्लीन चिट मिल गई है।
क्या केंद्र के पास केवल ‘ऑपरेशन लोटस’ का ही काम है- उपमुख्यमंत्री सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया, ‘‘सीबीआई के एक अधिकारी पर मुझे झूठे आबकारी मामले में फंसाने के लिए दबाव डाला गया। वह मानसिक दबाव नहीं झेल सका और दो दिन पहले आत्महत्या कर ली। यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं बहुत व्यथित हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री मोदी से पूछना चाहता हूं कि अधिकारियों पर इतना दबाव क्यों डाला जा रहा है कि वे इतना बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। आप चाहें तो मुझे गिरफ्तार कर लें, लेकिन अपने अधिकारियों के परिवारों को बर्बाद न करें।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से यह भी सवाल किया कि क्या केंद्र के पास केवल ‘ऑपरेशन लोटस’ का ही काम है।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के दावों को सीबीआई ने किया खारिज
सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के दावों को खारिज करते हुए कहा कि हम उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हैं। मृत सीबीआई अधिकारी जितेंद्र कुमार का दिल्ली आबकारी नीति मामले से कोई लेना देना था ही नहीं। उनके द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उनके खिलाफ जांच अभी जारी है। फिलहाल हमारी तरफ से उन्हें क्लीन चिट नहीं दी गई। इस तरह की बयानबाजी से वो आबकारी नीति के मुद्दे को भटकाना चाहते हैं।
सुसाइड नोट बरामद,किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया
आपको बता दें कि जितेंद्र कुमार के पास से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया, जिसमें कहा गया है कि कुमार के इस फैसले के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। पुलिस ने कहा था कि किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है। पुलिस ने आत्महत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।
फ्लैट में अकेले रहते थे सीबीआई अधिकारी जितेंद्र कुमार
केंद्र सरकार की तरफ से मिले फ्लैट में जितेंद्र कुमार अकेले रहते थे और उनका परिवार हिमाचल के मंडी जिले में रहता है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस जितेंद्र कुमार के घर पहुंची। वहां देखा कि फ्लैट की बालकनी में शव बेल्ट के सहारे लटका हुआ था। शव को तुरंत नीचे उतारा गया और फिर कब्जे में लिया।
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