डिजिटल डेस्क : उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त और गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ एक अपील खारिज कर दी है। याचिका में राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति और उनके एक साल के विस्तार को चुनौती दी गई थी।
हाईकोर्ट लंबे समय से इस मामले की सुनवाई कर रहा था। इससे पहले, दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने आरोप लगाया था कि उन्हें सीबीआई के विशेष निदेशक के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद से कुछ एजेंसियों ने उन्हें निशाना बनाया है। अपनी नियुक्ति को चुनौती देते हुए, उन्होंने याचिका में अपनी स्थिति बताते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ एक निरंतर अभियान चल रहा था और दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में उनकी नियुक्ति की चुनौती कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग और इसके पीछे बदले की भावना थी।
विवाद में भर्ती
राकेश अस्थाना 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे थे। लेकिन, कुछ दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने उन्हें दिल्ली का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया था। अब राकेश अस्थाना अगले एक साल तक इस पद पर रहेंगे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 प्रकाश सिंह मामले में फैसला सुनाया है। इसके तहत, एक व्यक्ति को पुलिस प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, जिसके सेवानिवृत्त होने में कम से कम तीन महीने शेष हैं। हालांकि राकेश अस्थाना के मामले में फैसले की अनदेखी की गई। इस फैसले का हवाला देते हुए उनके खिलाफ अपील दायर की गई थी।
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सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से भी है विवाद
राकेश अस्थाना का सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा के साथ भी लंबा झगड़ा हुआ था। राकेश अस्थाना ने सीबीआई के विशेष निदेशक के रूप में निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, इसके बाद आलोक वर्मा के खिलाफ रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। राकेश अस्थाना को दिल्ली कमिश्नर के पद से हटाने की मांग को लेकर दिल्ली विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया।