उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद दो समुदाय के बीच माहौल खराब हो गया। हिंसा में अब तक कई लोग घायल हो गए हैं।
पुलिस द्वारा कुछ स्थानीय लोगों पर लाठीचार्ज करने के बाद यतीमखाना परेड चौराहे के पास हिंसा भड़क गई। बाजार बंद कराने को लेकर यह सारा मामला बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि हालात काबू में हैं, लेकिन स्थिति दंगे जैसी रही। दो समुदायों के बीच पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। वहीं, पुलिस पर पथराव के अलावा दंगाइयों ने पुलिस पर पेट्रोल बम भी फेके हैं।
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कुछ स्थानीय लोगों द्वारा जबरदस्ती दुकानों को बंद करने की भी जानकारी सामने आई है। बताया गया कि पैगंबर मोहम्मद को लेकर जुलूस निकाला जा रहा था , जहां इसके तुरंत बाद, संघर्ष छिड़ गया। हालांकि शुरुआत में ही स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया था, लेकिन थोड़ी देर बाद हिंसा फिर से शुरू हो गई और कुछ लोगो द्वारा गोली चलने और पेट्रोल बम फेंकने की भी सूचना मिली। उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है।
क्या था पूरा मामला
दरअसल, बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा टीवी डिबेट में दिया गया एक बयान विवाद की वजह बना। इसके विरोध में शुक्रवार को मुस्लिम संगठन ने बाजार बंद का ऐलान किया था। परेड चौराहे पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने बीजेपी प्रवक्ता के विरोध में दुकानों को बंद कराया, जिसके बाद विवाद पैदा हुआ। जुमे की नमाज के बाद भीड़ इकट्ठा थी और वे फिर एक साथ परेड पर निकल गए। आगे बढ़ते हुए जैसे ही भीड़ चंद्रेश्वर हाते के पास पहुंची, तो दूसरे पक्ष ने विरोध करना शुरू कर दिया। इसी दौरान देखते ही देखते दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया।
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फिर पुलिस को सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंची, लेकिन शुरुआत में ज्यादा कुछ नहीं किया। इस दौरान कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। जहां पुलिस फिर यतीमखाना चौराहा इलाके की गलियों में दंगाइयों की पहचान करने गई। वहां पुलिस पर छतों से पथराव हुआ। एक पक्ष द्वारा गोली भी चलाई गई।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सीएम योगी तीनों ही कानपुर देहात में हैं।