नई दिल्ली: नए साल में केंद्र सरकार इस बार पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक शरणार्थियों नागरिकता का तोहफा दे सकती है। देश में तमाम शरणार्थी वर्षों से भारत की नागरिकता पाने का इंतजार कर रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून 2020 में संसद से पारित हो गया था, लेकिन अब तक अमल में नहीं आ सका है। हालांकि, सूत्रों का दावा है कि सरकार ने अब इसके नियमों का अंतिम रूप दे दिया है और जनवरी 2022 में इसे लागू कर दिया जाएगा। खबर के मुताबिक यूपी सहित पांच राज्यों के चुनावों को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ लगातार इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बना रहा है। हालांकि, 2019 में जब सरकार ने इसे संसद में पारित किया तो मुस्लिम समुदाय ने देश भर में इसका विरोध किया। दिल्ली के शाहीन बाग में लंबे समय तक आंदोलन चला। उत्तर प्रदेश में भी जमकर विरोध हुआ, जिसके बाद कई दिनों तक इंटरनेट बंद करना पड़ा था। यूपी की योगी सरकार ने इसके विरोध में दंगे करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की थी। 2003 में कांग्रेस ने भी CAA जैसा कानून बनाने की मांग की थी, लेकिन मोदी सरकार के कानून बनाने के बाद उसने इसका जमकर विरोध किया।
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