यूपी की जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने आजम खान को जमानत दे दी है। इसी मामले में सह-आरोपी ठेकेदार बरकत अली को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। फिलहाल हाईकोर्ट के इस फैसले से आजम खान को बड़ी राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है। लंबे से जेल में बंद सपा नेता पर 100 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। यह मामले सपा सरकार जाने के बाद उनके खिलाफ दर्ज किए गए थे।
कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था फैसला
12 अगस्त को सुनवाई पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। रामपुर के चर्चित डूंगरपुर केस से जुड़े एक मामले में आजम खान ने रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली दस साल की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दाखिल की थी। वहीं इसी मामले में सजा पाए ठेकेदार बरकत अली ने भी हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। दोनों ने अपनी अपील के लंबित रहने तक जमानत की मांग की थी। फिलहाल हाईकोर्ट की तरफ से दोनों को इस मामले में एक बड़ी राहत मिली है।
एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने सुनाई थी सजा
30 मई 2024 को रामपुर की एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने आजम खान को 10 साल और ठेकेदार बरकत अली को 7 साल की सजा सुनाई थी। एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। वर्तमान में दोनों की क्रिमिनल अपील पर एक साथ सुनवाई चल रही है। डूंगरपुर प्रकरण में अबरार नाम के व्यक्ति ने अगस्त 2019 में रामपुर के गंज थाने में सपा नेता आजम खान, रिटायर सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली उर्फ फकीर मोहम्मद समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
शिकायतकर्ता ने आज़म खान लगाया था आरोप
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिसंबर 2016 में इन तीनों ने उसके साथ मारपीट की। घर में तोड़फोड़ की और जान से मारने की धमकी दी थी। इसके साथ ही उसके मकान को भी गिरा दिया गया था। तीन साल बाद 2019 में दर्ज हुए इस मामले में विशेष कोर्ट ने आजम खान को 10 साल और बरकत अली को 7 साल की सजा सुनाई थी। डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने उस समय बस्ती खाली कराने के नाम पर करीब 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें लूटपाट, चोरी और मारपीट समेत अन्य धाराओं में गंज थाने में केस दर्ज हुए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने आजम खान और बरकत अली की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।
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