डिजिटल डेस्क : चुनाव आयोग ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर तीन दिन की बैठक के बाद गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने कहा, ”यूपी में वर्तमान सरकार का कार्यकाल 14 मई को समाप्त हो रहा है। निर्वाचन आयोग सामान्य पोलिंग ही कराएगा। हमने राजनीतिक पार्टियों के साथ मीटिंग की है, हमने जिलाधिकारियों के साथ भी बैठक की है, हमने आयकर विभाग, जीएसटी, एनसीबी, नोडल अफसरों के साथ भी चर्चा की है। हमारा प्रयास है कि प्रलोभन फ्री इलेक्शन हो। इस बारे में हमारी मुख्य सचिव, डीजी, आदि के साथ भी मीटिंग हुई है।”
मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया जाएगा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने बताया है कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत चुनाव कराए जाएं। चुनाव आयोग घनी आबादी वाले पोलिंग बूथों को खुले में लाएगा, महिलाओं की सुरक्षा और बुजुर्गों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा है कि पेड न्यूज पर भी चर्चा की गई है। साथ ही यह सूचना भी दी कि 5 जनवरी को मतदाता लिस्ट जारी की जाएगी।
इस बार के चुनाव में टोटल वोटर्स की संख्या 15 करोड़ के लगभग है, जिसमें 52.8 लाख नए मतदाता है। इसमें 28.86 लाख महिला मतदाता हैं। कोविड को देखते हुए चुनाव में वोटिंग का वक़्त पूरे राज्य में एक घंटा बढ़ा दिया गया है। अब 8 से 5 के बजाय मतदान 8 से 6 बजे तक होगा।
पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव टालने को लेकर सुझाव दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने तय किया कि राज्यों की रिपोर्ट के आधार पर फैसला किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने पांच राज्यों के अधिकारियों के साथ चुनाव पर समीक्षा बैठक की थी।
ओमिक्रॉन से निपटने की तैयारियों पर भी चर्चा
इस प्रेस कांफ्रेंस से पहले चुनाव आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव से चुनावी तैयारियों पर चर्चा की। यूपी के नए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा इस बैठक में शामिल थे। चुनाव आयोग की इस बैठक में देश में ओमिक्रॉन के मामले और टीकाकरण के बारे में जानकारी लेगा। केंद्र और राज्य सरकार एक साथ मिलकर ओमिक्रॉन को रोकने के लिए क्या और किस तरह की तैयारियां कर रहें है, इस बारे में भी जानकारी ली जाएगी।
जहां वोट प्रतिशत है वहां चलेगा जागरूकता अभियान
यूपी बड़ा प्रदेश है। 2017 में मतदान 61% और लोकसभा में 59% ही था, यह बेहद कम है। इसकी समीक्षा की गई और सभी अधिकारियों ने कहा कि जहां वोट प्रतिशत कम है। वहां पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसमें महिलाओं और युवाओं की भागीदारी जरूरी है ताकि मतदान प्रतिशत बढ़े।
चुनाव आयोग की बड़ी बातें
800 पोलिंग स्टेशन ऐसे होंगे, जहां सभी सुरक्षा कर्मी और मतदान कर्मी सिर्फ महिला होंगी।
पहले 15 सौ लोगों पर एक बूथ होता था, इस बार कोविड को देखते हुए 1,250 लोगों पर बूथ होंगे। इससे 11 हजार बूथ बढ़ेंगे।
मतदाता पहचान पत्र के अलावा 11 और दस्तावेज ऐसे होंगे, जिन्हें पहचान पत्र की तरह इस्तेमाल करके वोट डाले जा सकेंगे।
एक लाख 73 हजार मतदान स्थलों में से कम से एक लाख मतदान स्थल की वेब कास्टिंग की जाएगी।
पोलिंग टाइम को 1 घंटे बढ़ेगा। राज्य, जिला स्तर पर हेल्थ नोडल ऑफिसर तैनात किए जाएंगे।
3 साल से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों का तबादला किया जाएगा। 1 जनवरी तक ये काम हो जाएगा।
14 IPS और 39 PPS का ट्रांसफर हो चुका है। सभी सीमा चौकियों पर CCTV से निगरानी रखी जाएगी।
18 मार्च 2022 का चुनाव की डेडलाइन
2017 में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना 4 जनवरी को जारी की गई थी। चुनाव सात चरणों में कराए गए थे। पहले चरण का नामांकन 17 जनवरी 2017 से शुरू हुआ था।
सात चरणों का मतदान 11 फरवरी 2017 से 8 मार्च 2017 के बीच कराया गया था और मतगणना 11 मार्च 2017 को हुई थी।
यूपी में सीएम योगी ने 19 मार्च 2017 में शपथ ली थी। इस तरह 2022 के 18 मार्च तक नई सरकार के मुख्यमंत्री शपथ लेनी है। नहीं तो राष्ट्रपति शासन लग जाएगा।
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जनवरी के दूसरे हफ्ते में जारी हो सकती अधिसूचना
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जनवरी के दूसरे हफ्ते में जारी हो सकती है। 403 विधानसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव कराने की इस बार भी प्लानिंग है। माना जा रहा है कि 9 से 15 जनवरी के बीच कभी भी यूपी में आचार संहिता लग सकती है।