डिजिटल डेस्क : एक तरफ देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग राज्यों में जुलूस और रैलियां चल रही हैं और इसमें भारी जनसभा भी हो रही है. ऐसे में अगले चुनाव का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. याचिका में निर्वाचन क्षेत्र में रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।वकील चंदन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक रैलियों और जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। यह भी मांग की गई है कि चुनाव आयोग कोर्ट में अर्जी देकर सभी रैलियों को आयोजित करने का निर्देश जारी करे.
‘विधानसभा के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन’
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आगे आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक रैलियों को लेकर चुनाव आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों और निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि इतना ही नहीं पिछले कई चुनावों में भी घोर लापरवाही देखने को मिली है और नतीजे सभी ने देखे हैं. इसलिए दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
इससे पहले उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को स्थगित करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनाव में वर्चुअल असेंबली और ऑनलाइन वोटिंग पर विचार करने को कहा।
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उत्तराखंड में चुनाव को लेकर याचिका दायर की गई है
अधिवक्ता शिव भट्ट द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की पीठ ने वर्चुअल असेंबली और ऑनलाइन वोटिंग का सुझाव दिया। अगली सुनवाई 12 जनवरी को निर्धारित की गई है।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कोरोना के लिए जिला निगरानी समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया. याचिका में कोरोना के बढ़ते मामले का हवाला देते हुए विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग की गई है। याचिका में आगे कहा गया है कि चुनावी सभा में कोरोना नियमों का पालन नहीं हो रहा है. इसलिए नेताओं की चुनावी बैठक ऑनलाइन होनी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोरोना लगातार बढ़ रहा है और सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.