महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से उथल-पुथल शुरू हो गई है। सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि अगले 15-20 दिन में राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार गिर जाएगी। वहीं, राउत की पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में चुनाव कभी भी हो सकते हैं और इसके लिए उनकी पार्टी तैयार है। इससे पहले एनसीपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार की उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात ने भी राज्य का सियासी पारा चढ़ा दिया था।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई में शिंदे सरकार गिरने वाली है? संजय राउत क्यों ऐसा दावा कर रहे हैं? इसके सियासी मायने क्या हैं? मौजूदा समीकरण क्या है? आइये जानते है……..
उद्धव ठाकरे ने क्या बोला ?
उद्धव ठाकरे ने जलगांव में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि राज्य में चुनाव कभी भी हो सकते हैं। उनकी पार्टी इसके लिए तैयार है। ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि शिंदे की पार्टी को कुल 288 में से केवल 48 सीटें आवंटित की जाएंगी। उन्होंने पूछा क्या बीजेपी केवल 48 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी ?
संजय राउत ने क्या कहा ?
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दावा किया, ‘इस सरकार का डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। अब देखना यह है कि इसपर साइन कौन करता है? हम लोग अभी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। आने वाले 15-20 दिनों के अंदर ही यह सरकार गिर जाएगी।’ राउत उद्धव ठाकरे नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने वाले 16 विधायकों (शिंदे गुट) को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर लंबित सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र कर रहे थे।
किस आधार पर सरकार गिरने का दावा कर रहे हैं संजय राउत ?
शिवसेना में हुई आंतरिक फूट का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस मामले में उद्धव गुट ने शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। अगर ये विधायक अयोग्य घोषित होते हैं, तो राज्य सरकार पर संकट आ जाएगा। दरअसल जिन विधायकों की सदस्यता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, उनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं। हालांकि, 16 विधायकों के अयोग्य होने के बाद भी राज्य सरकार अल्पमत में नहीं आएगी। हालांकि, इसके बाद शिंदे गुट के बाकी विधायकों पर भी संकट आएगा। जो राज्य सरकार के लिए बड़ा खतरा होगा।
शिंदे के अयोग्य होने के बाद क्या अजीत पवार को साथ लाएगी भाजपा ?
महाराष्ट्र में सियासी हलचल इसलिए भी तेज है क्योंकि पिछले दिनों खबर आई थी कि एनसीपी नेता अजीत पवार अपने कई विधायकों को लेकर अलग हो सकते हैं। अजीत के भाजपा नेताओं से मुलाकात की भी खबर आई थी। हालांकि, बाद में अजीत पवार ने सफाई दी है कि वह मरते दम तक एनसीपी में ही रहेंगे।
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