Monday, June 2, 2025
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बिहार में सवर्णों के विकास का नया अध्याय: क्या सीएम नीतीश लाएंगे बदलाव ?

सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार सरकार ने सवर्णों के विकास के लिए एक आयोग का गठन किया है। उच्च जातियों के विकास के लिए बने इस आयोग के अध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा नेता महाचंद्र सिंह बनाए गए हैं, जबकि जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता राजीव रंजन प्रसाद को उपाध्यक्ष बनाया गया है। दयानंद राय, जय कृष्ण झा, राजकुमार सिंह को सदस्य बनाया गया है। आपको बता दे कि यह नियुक्ति आगामी चुनावों में दोनों पार्टियों की सहयोगात्मक रणनीति को दर्शाती है। सीएम नीतीश ने इससे पहले साल 2011 में सवर्ण आयोग बनाया था, हालांकि कुछ कारणों के चलते उसे बाद में निष्क्रिय कर दिया गया था।

क्या होगा इस आयोग का काम ?

सीएम नीतीश ने जो आयोग बनाया है, उसका काम सवर्ण वर्ग के मुद्दों को उठाना और उनका समाधान होगा। सीएम नीतीश के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो ये सब चुनावी प्रयोग है। सीएम नीतीश हर वर्ग को अपनी ओर लाना चाहते हैं। इसी के तहत ये फैसला लिया गया है।

सभी सदस्यों का तीन साल होगा कार्यकाल

इस आयोग में एक अध्यक्ष एक उपाध्यक्ष और तीन सदस्य होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद को उच्च जाति आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं दयानंद राय, जय कृष्ण झा और राजकुमार सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है। अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्षों का होगा।

राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग को मिला नया अध्यक्ष

इसी के साथ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग में भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। पश्चिम चंपारण के शैलेंद्र कुमार को आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके साथ सुरेंद्र उरांव उपाध्यक्ष होंगे, जबकि प्रेमलीला गुप्ता, तल्लू बास्के और राजू कुमार को सदस्य बनाया गया है। इस आयोग का भी कार्यकाल तीन साल होगा।

सीएम नीतीश ने किया अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन

यह घोषणा जेडीयू के गुलाम रसूल को राज्य के अल्पसंख्यक आयोग का प्रमुख नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद हुई है। बता दें कि सीएम नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य में अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन किया था। अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन गुलाम रसूल बलयावी बनाया गया था। आयोग में 10 अन्य सदस्य भी बनाए गए हैं। गुलाम रसूल पार्टी के सीनियर नेता हैं और पूर्व में सांसद भी रह चुके हैं।

बिहार में इसी साल होने वाले हैं विधानसभा चुनाव

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में राजनीतिक माहौल पहले से ही गरमा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता में बने रहने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं, आरजेडी भी सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत है। आरजेडी और कांग्रेस ने अभी से ही चुनावी वादे भी करना शुरू कर दिए हैं। महागठबंधन ने बिहार की जनता से वादा किया है कि सत्ता में आने पर 2500 रुपये महिलाओं को दिए जाएंगे।

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