प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलांयस अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों (Reliance Anil Ambani Group Companies) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की बड़ी जांच शुरू कर दी है। अनिल अंबानी से जुड़ी 48-50 लोकेशन पर ईडी का सर्च ऑपरेशन चल रहा है। बता दें कि ये कार्रवाई सीबीआई (CBI) की तरफ से 2 एफआईआर दर्ज करने के बाद की जा रही है।
जांच में सामने आया है कि इन कंपनियों ने बैंकों से लोन लेकर पैसों का गलत इस्तेमाल किया। उन्हें दूसरी कंपनियों में घुमाया और आम लोगों, निवेशकों और सरकारी संस्थाओं के साथ धोखा किया गया। कई बड़ी संस्थाओं ने भी ईडी के साथ इस जांच में जानकारी शेयर की। इसमें नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB), सेबी (SEBI), नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं।
देशभर में एक साथ 50 जगहों पर रेड
केंद्रीय जांच एजेंसी इस पूरे मामले में आज देशभर में 48-50 जगहों पर रेड कर रही है। ईडी को जांच में ये भी पता चला है कि यस बैंक ने रिलांयस अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों को लोन देते वक्त अपने ही नियमों की धज्जियां उड़ा दीं। लोन से जुड़े सारे जरूरी कागजात बैकडेट में तैयार किए गए। जांच के मुताबिक, बिना क्रेडिट एनालिसिस के ही भारी-भरकम निवेश कर दिया गया। बिना दस्तावेज और बिना सही जांच के लोन पास किए गए। कई कंपनियों के डायरेक्टर्स और एड्रेस एक जैसे हैं। एक ही दिन में लोन एप्लाई और डिसबर्स कर दिए गए। कई बार लोन पास होने से पहले ही पैसे ट्रांसफर कर दिए गए।
ईडी के चौंकाने वाले खुलासे
ईडी की शुरुआती जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि साल 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से 3000 करोड़ का लोन लिया गया। जिसे बाद में दूसरी कंपनियों में घुमा दिया गया। इतना ही नहीं लोन पास कराने के लिए यस बैंक के अधिकारियों और प्रमोटर्स को रिश्वत देने की बात भी सामने आ रही है।
इन कंपनियों ने ईडी को दी अहम जानकारी
इस केस में सेबी (SEBI), नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB), नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े संस्थानों ने भी ईडी को अहम जानकारी दी है। सेबी (SEBI) ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से जुड़े एक बड़े मामले की जानकारी दी गई है। जिसमें एक ही साल में कंपनी ने कॉरपोरेट लोन को 3742 करोड़ से बढ़ाकर 8670 करोड़ कर दिया। इस अचानक बढ़ोतरी को भी ईडी शक की नजर से देख रही है।
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