ईरान में इजरायली जासूसी नेटवर्क से कथित संबंधों के लिए सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया। ईरान की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। ईरानी खुफिया और सुरक्षा बलों ने देश में इजरायल के “जासूसी नेटवर्क” का हिस्सा होने के संदेह में 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। संदिग्धों को ईरान के साथ इजरायल के 12-दिवसीय युद्ध के दौरान गिरफ्तार किया गया था। ईरान पर इजरायल के सैन्य हमले में एक अभूतपूर्व इजरायली खुफिया अभियान भी शामिल था, जिसमें उच्च पदस्थ सैन्य अधिकारियों और प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों की लक्षित हत्याएं शामिल थीं। ईरानी सरकार की तरफ से की गई पिछली सामूहिक गिरफ्तारियों की मानवाधिकार समूहों की ओर से उचित प्रक्रिया की कमी के लिए आलोचना की गई है।
उर्मिया जेल में दी गई फांसी
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी ‘इरना’ के मुताबिक ईरान के पश्चिम अजरबैजान प्रांत की उर्मिया जेल में फांसी दी गई पश्चिम अजरबैजान देश का सबसे उत्तर पश्चिमी प्रांत है। ‘इरना’ ने खबर में ईरान की न्यायपालिका का हवाला देते हुए कहा कि इन लोगों पर देश में हथियार लाने का आरोप था। ईरान ने इजराइल के साथ अपने युद्ध के दौरान कई लोगों को फांसी की सजा दी है।
अब तक 6 लोगों को दी गई फांसी
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आशंका जताई है कि संघर्ष समाप्त होने के बाद कई और लोगों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। फांसी पर लटकाए गए तीनों लोगों की पहचान ईरान ने आजाद शोजाई, इद्रिस आली और इराकी नागरिक रसूल अहमद रसूल के रूप में की है। बुधवार को दी गई फांसी के साथ ही 16 जून से युद्ध के दौरान जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाने वालों की कुल संख्या छह हो गई है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर इजराइल के साथ संघर्ष विराम लागू होने के बाद ईरान के लोग अब धीरे धीरे सामान्य जीवन में लौटने की कोशिश कर रहे हैं।
ईरान के 14 न्यूक्लियर साइंंटिस्ट की मौत
बता दें कि इजरायल के हमलों में ईरान के 14 वैज्ञानिकों की मौत हो गई है। ये सभी ईरान के वे न्यूक्लियर साइंटिस्ट थे जिनकी निगरानी में ईरान का परमाणु कार्यक्रम आगे बढ़ा रहा था। इसके साथ ही ईरान के कई आर्मी कमांडर्स को भी इजरायल ने अपने सटीक हमलों में ढेर कर दिया। इससे यह साफ हो गया कि ईरान के अंदर इजरायल का खुफिया तंत्र बेहद मजबूत है। इसके बाद ईरान ने निगरानी तेज करते हुए उन लोगों की धरपकड़ शुरू कर दी जिन लोगों पर जासूसी का शक है।
ईरानी न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह किया
12 दिन तक चले ईरान-इजरायल युद्ध के दौरान इजरायल और अमेरिका ने मिलकर ईरानी न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह किया। इस दौरान ईरान के कई टॉप कमांडर और वैज्ञानिकों की मौत हो गई। इस बीच अमेरिका ने सीधे तौर पर ईरान के तीन न्यूक्लियर सेंटर पर हमला किया था। हालांकि, इस पर ईरान जवाब दिया था कि अमेरिकी हमले तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने में विफल रहे है। दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु संयंत्र के नष्ट नहीं होने संबंधी रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे फर्जी खबर बताया है और जोर देकर कहा कि न्यूक्लियर साइट्स पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं।
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