पहलगाम घटना के बाद रोहिंगाओं पर हो रही कार्रवाई की कड़ी में लखनऊ में भी एक्शन हो रहा है। हालांकि यहां की मेयर सुषमा खर्कवाल ने इनको लेकर 6 महीने पहले ही शुरुआत कर दी थी। मेयर ने कहा कि नगर निगम ने पिछले दिनों पूरा सर्वे किया था कि हमारे 8 जोन में कहां-कहां इनकी बस्तियां बसी हैं सबकी एक रिपोर्ट बनाई है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम में इनकी संख्या ज्यादातर रेलवे पटरियों के किनारे है और सरकारी जमीनों पर ये बसे हैं। वहीं ऊसर भूमियों पर भी ये बसे हैं और कुछ यहीं के लोगों ने इनको बसा कर अपने प्लॉट पर लाइट और पानी दे रखा है। उन्होंने कहा कि कैसे इन लोगों का बिजली का कनेक्शन मिल रहा है। इसको लेकर के बिजली विभाग को पत्र लिखा है।
रेलवे ने पिछले दिनों लिया था एक्शन
इसके साथ ही डीआरएम पूर्वोत्तर रेलवे और डीआरएम उत्तर रेलवे दोनों को पत्र लिखा है। जिसमें बताया है कि रेलवे पटरियों के किनारे बड़ी संख्या में यह लोग रह रहे हैं, हालांकि इसी कड़ी में रेलवे ने पिछले दिनों डालीगंज में एक कार्रवाई भी की थी। जिसमें बड़ी संख्या में इन लोगो पर एक्शन हुआ है।
मेयर ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह लोग पटरियों के किनारे बसे हैं साथ ही वहां पटरियों पर दुर्घटना करना चाहते हैं। हमारे जनधन की नुकसान करना चाहते हैं। रेलवे की पटरियों पर लोहे का दरवाजा रख दिया जाता है। लकड़ी का बोटा रखा जाता है और बड़ा हादसा करने की साजिश ये लोग करते हैं। जिससे हमारी धन हानि और जनहानि हो सके। उन्होंने कहा यही रोहिंग्या लगातार रेलवे के किनारे बड़ी साजिश करते हैं।
लखनऊ में करीब डेढ़ लाख रोहिंग्या – मेयर सुषमा खर्कवाल
मेयर सुषमा खर्कवाल ने बताया कि हमारी जांच पड़ताल में लगभग डेढ़ लाख के करीब में रोहिंग्या लखनऊ में है। जिसमें लगभग 50000 अभी तक जा चुके हैं। वहीं एक लाख के करीब में है अभी यहां हैं जिनके ऊपर अगले 6 महीने में एक्शन होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इनको यहां रखने में पिछली सरकारों का बड़ा योगदान है। इनको यहां वोट बैंक के खातिर बसाया जाता है।
मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि वो इस प्रकरण में मुख्यमंत्री से पहले भी मिली और आगे भी मिलेंगी। अभी तक इसमें क्या एक्शन लिया है औऱ कितना बाकी रह गया है। इसको लेकर के वे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट भी देंगी और उनसे आगे के लिए मदद भी मांगेंगी।
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