दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आबकारी नीति मामले में आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने मामले को 20 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और जांच एजेंसी को अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। सिसोदिया के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा, ”इस मामले में मेरे अलावा सभी को जमानत दे दी गई है। मैं मामले में सबसे कम संभव तारीख का अनुरोध कर रहा हूं।
राउज एवेन्यू कोर्ट का जमानत देने से इनकार
राउज एवेन्यू कोर्ट के सीबीआई जज एम.के. नागपाल ने सोमवार को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल तक बढ़ा दी थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने सिसोदिया की हिरासत बढ़ाने की मांग की थी, क्योंकि जांच महत्वपूर्ण चरण में है। न्यायाधीश नागपाल ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया सिसोदिया को ‘आपराधिक साजिश रचने वाला’ माना जा सकता है। उन्होंने पाया कि लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत का भुगतान उनके और आप सरकार में उनके अन्य सहयोगियों के लिए था।
सिसोदिया की रिहाई से जांच में आएगी बाधा
राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि जांच के इस चरण में अदालत सिसोदिया को जमानत पर रिहा करने के लिए इच्छुक नहीं है, क्योंकि उनकी रिहाई से चल रही जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और प्रगति में भी गंभीर बाधा आएगी। जांच एजेंसी द्वारा अब तक एकत्र किए गए सबूतों से पता चलता है कि सह-आरोपी विजय नायर के माध्यम से आवेदक ‘साउथ लॉबी’ के संपर्क में था और उनके लिए एक अनुकूल नीति तैयार करना हर कीमत पर सुनिश्चित किया जा रहा था और एक कार्टेल बनाया गया था।
सत्येंद्र जैन को जमानत देने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार
वही दूसरी तरफ दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन और उनके दो सहयोगियों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे धन शोधन मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने 22 मार्च को उनकी जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
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