केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को 2020 के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार को भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। भारतीय सिनेमा जगत आज जिस मुकाम पर है इसे वहां तक लाने में आशा पारेख का बहुत बड़ा योगदान रहा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अभिनेत्री की जन्मदिन से कुछ दिन पहले इस बात का एलान किया है। यूं तो आशा पारेख ने एक्टिंग से रिटायरमेंट ले लिया है।
60 और 70 के दशक में आशा पारेख का नाम तब की बेहतरीन अभिनेत्रियों में लिया जाता था। अपने समय में फिल्मी पर्दे पर राज करने वाली आशा पारेख अपने समय की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों और हाईएस्ट पेड पर्सनालिटीज में से एक रही हैं। बता दें कि 1992 में, उन्हें सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। बता दें कि आशा पारेख उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय सिनेमा में ब्लैक एंड व्हाइट से लेकर अब तक का दौर देखा है।
बतौर चाइल्ड एक्टर आशा पारेख ने की करियर की शुरुआत
आशा पारेख हिंदी सिनेमा की एक ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने बहुत ही छोटी सी उम्र में बॉलीवुड में कदम रखा था। उन्होंने साल 1952 में रिलीज हुई फिल्म ‘मां’ से चाइल्ड एक्टर के तौर पर कदम रखा था। इसके बाद बाल कलाकार के रूप में ही उन्होंने आसमान, धोबी डॉक्टर, बाप बेटी जैसी फिल्मों में काम किया। साल 1959 में उन्होंने शम्मी कपूर के अपोजिट फिल्म ‘दिल देके देखो’ से बॉलीवुड में बतौर लीड एक्ट्रेस के काम किया। इस फिल्म में आशा पारेख को काफी पसंद किया गया। इसके बाद वेटरन एक्ट्रेस ने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा और वह तीसरी मंजिल, प्यार का मौसम, मेरा गांव मेरा देश जैसी सुपरहिट फिल्में दी।
बायोग्राफी से मचाया था तहलका
आशा पारेख की निजी जिंदगी हो या प्रोफेशनल वह अपनी पूरी उम्र सुर्खियों में रही हैं। कुछ साल पहले वह तब चर्चा में आई जब उन्होंने अपनी बायोग्राफी में अपनी पूरी जिंदगी के राज सबके सामने खोल दिए। एक्ट्रेस के फिल्मी करियर का सुनहरा दौर तो लगभग सभी ने देखा है। करोड़ों दिलों की धड़कन पर राज करने वाली आशा पारेख खुद अकेली रहीं। अपने अकेले रहने पर उन्होंने बताया कि वह एक शादीशुदा शख्स से प्यार कर बैठी थीं इसलिए उन्होंने फिर अकेले जिंदगी बिताने का फैसला लिया था। इस बायोग्राफी के लॉन्च पर आशा ने कहा था, ‘अकेले रहने का फैसला मेरे सबसे सही फैसलों में से एक था। मैं एक शादीशुदा शख्स के प्यार में पड़ गई थी लेकिन उसका घर तोड़ना नहीं चाहती थी। और यही कारण था कि मैं अपनी आगे की जिंदगी अकेले ही बिताना चाहती थी।
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