श्रीलंका की आर्थिक बदहाली की गवाह पूरी दुनिया बन चुकी है | देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है, राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग चुके हैं | देश भयंकर आर्थिक बदहाली संकट से जूझ रहा है | लोगों के लिए भोजन और दवाइयों जैसी जरूरी चीजों को खरीदना भी दूभर हो गया है | अब ऐसी ही बदहाली का अंदेशा एक और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए लगाया जा रहा है | पाकिस्तान में हालात श्रीलंका से भी ज्यादा बदतर हो सकते हैं | पाकिस्तान में एक तरफ विदेशी कर्ज बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हो रहा है | नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को निकट भविष्य में गंभीर आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है |
जानकारी के मुताबिक, बढ़ रहे कर्ज के बीच पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खाली हो रहा है | स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के जून महीने के डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है | जून में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 22.62 करोड़ डॉलर था |
पाकिस्तान का विदेशी कर्ज बढ़कर 10.886 अरब डॉलर
वित्त वर्ष 2021-2022 की पहली तीन तिमाही में पाकिस्तान का विदेशी कर्ज बढ़कर 10.886 अरब डॉलर हो गया है जबकि पूरे वित्त वर्ष 2021 में विदेशी कर्ज 13.38 अरब डॉलर था |
2022 की पहली तिमाही में कर्ज 1.653 अरब डॉलर रहा जबकि 2020-2021 की पहली तिमाही में यह 3.51 अरब डॉलर था |लेकिन 2022 की दूसरी तिमाही में कर्ज बढ़कर अरब डॉलर और तीसरी तिमाही में बढ़कर 4.875 अरब डॉलर हो गया |
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान को बाहरी मोर्चे पर गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है | पिछले महीने चीन से 2.3 अरब डॉलर का कर्ज मिलने के बावजूद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में काफी गिरावट रही | रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के हर तिमाही बढ़ रहे विदेशी कर्ज से संकेत मिलता है कि सरकार अपने विदेशी कर्जों को चुकाने के लिए उच्च दरों पर कर्ज ले रहा है |
पाकिस्तान कर्ज लेकर कर्ज चुकाने को मजबूर
एक वरिष्ठ विश्लेषक का कहना है कि चीन जानता है कि पाकिस्तान कर्ज नहीं लौटा सकता और आईएमएफ पाकिस्तान की मदद करने की जल्दबाजी में नहीं है | यही कारण है कि चीन ने पाकिस्तान को उच्च दरों पर कर्ज दिया है | पाकिस्तान उधार लेकर अपना कर्ज चुकाने को मजबूर है, जिसका मतलब है कि अगले वित्त वर्ष में पाकिस्तान पर कर्ज का भार और बढ़ेगा |
बता दें कि सरकार वित्त वर्ष 2022 में 80 अरब डॉलर के आयात पर नियंत्रण नहीं कर सकी, जिससे पाकिस्तान का चालू खाता घाटा बढ़ गया | रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि वह अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार से कर्ज लेना मुश्किल हो गया है | नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने उच्च महंगाई दर, घटता विदेशी मुद्रा भंडार, लगातार बढ़ रहा चालू खाता घाटा और पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में गिरावट प्रमुख चुनौतियां हैं |