दिल्ली के स्कूलों में अब नर्सरी से कक्षा आठ तक के बच्चों के लिए इस साल डायरेक्ट्रेट ऑफ एजुकेशन दिल्ली ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ लागू कर दी है | यह पॉलिसी सिर्फ साल 2022 के लिए लागू हो रही है | पॉलिसी के अनुसार, नर्सरी से लेकर कक्षा 8 तक किसी भी बच्चे को फेल नहीं किया जाएगा | सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि इस साल बच्चों का इवैल्यूएशन रेग्यूलर एग्जाम्स के आधार पर नहीं बल्कि असाइनमेंट व प्रोजेक्ट के असेसमेंट के आधार पर किया जाएगा |
पेरेंट्स एसोसिएशन ने किया स्वागत
पॉलिसी के लागू होने का दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्वागत किया है | एसोसिएशन की प्रेसीडेंट अपराजिता गौतम ने बातचीत में कहा कि सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है | कोविड काल में जब बच्चों को बिना एग्जाम प्रमोट किया गया और उनकी ऑफलाइन क्लासेज भी नहीं हुईं | ऐसे वक्त में उनका असेसमेंट एग्जाम के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए | दिल्ली के कई पेरेंट्स कह रहे हैं कि नो डिटेंशन पॉलिसी छोटी कक्षाओं में लागू होनी चाहिए | अपराजिता ने कहा कि फिर भी एसोसिएशन की ओर से मेरा यह मानना है कि अगले साल अगर सरकार ये पॉलिसी लागू करती है तो ये सराहनीय कदम होगा |
पब्लिक स्कूल्स मैनेजमेंट एसोसिएशन ने कहा- सरकार फिर से विचार करे
वहीं दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल्स मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन ने कहा कि सरकार को इस पॉलिसी पर फिर से विचार करना चाहिए | उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर शिक्षा सत्र के शुरू में ही सरकार की घोषणा से आठवीं तक के बच्चों में शिक्षा के प्रति उदासीनता देखने को मिलती है | बच्चे जानते हैं कि उन्हें आठवीं तक पास कर दिया जाएगा |
उन्होंने कहा कि मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून 2009 की धारा 16 के अंतर्गत तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस प्रकार की नीति बनाई थी जिसका परिणाम अब तक देखने को मिल रहा है | आरसी जैन अपनी एक आरटीआई से मिले आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंड्री स्कूल करावल नगर में जहां आठवीं कक्षा में 1148 बच्चे पास होकर नौवीं में पहुंचे | वहीं 12वीं में पहुंचते उनकी संख्या 717 रह गई | राजकीय सर्वोदय विद्यालय त्रिलोकपुरी के स्कूल में नौवीं के 236 बच्चे 12वीं तक आते आते 113 रह गए | एक दो नहीं बल्कि दिल्ली के अधिकतर स्कूलों की कमोबेश यही स्थिति है | उन्होंने इन्हीं तथ्यों का हवाला देते हुए इस पॉलिसी को दिल्ली में लागू करने से रोकने की मांग की है |