कोलकाता मेट्रो के पूर्वी-पश्चिमी गलियारे के तहत बने सियालदह मेट्रो स्टेशन का उद्घाटन 11 जुलाई को होने जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी कोलकाता पहुंच चुकी है। वहीं, अब इस समारोह को लेकर विवाद पैदा हो गया है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस कार्यक्रम के लिए न्योता नहीं दिया गया है। अब इसी को लेकर टीएमसी विरोध जता रही है। आपको बता दे कि इस मेट्रो गलियारे पर साल्ट लेक सेक्टर-पांच से सियालदह मेट्रो स्टेशन के बीच 14 जुलाई से वाणिज्यिक सेवा शुरू होगी।
टीएमसी का विरोध
केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए पश्चिम बंगाल के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को ‘‘लोकतांत्रिक सिद्धांतों की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्वी-पश्चिमी मेट्रो गलियारा परियोजना केंद्र और राज्य के आपसी सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री को कार्यक्रम का न्योता नहीं देने का कदम ओछी राजनीतिक सोच का नतीजा है।
वहीं, टीएमसी विधायक मदन मित्रा ने कहा कि कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (केएमआरसी) की नींव रखने वालों को बीजेपी सरकार नजरअंदाज कर रही है। यह लोकतंत्र की परंपरा नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सीएम हमें निर्देश देती हैं, तो हम इस स्तर पर प्रदर्शित कर सकते हैं कि वे कुछ नहीं कर पाएंगे। लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे | जनता को देखने दीजिए। उन्हें लगता है कि यह भी महाराष्ट्र है और एक और एकनाथ यहां पाया जा सकता है।
भाजपा का पलटवार
मुख्य विपक्षी भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने राज्य के कार्यक्रमों में उसके सांसदों और विधायकों ‘‘कभी न्योता नहीं दिया’’ तथा उसे भी अपनी ही दवा (नहीं बुलाने) का स्वाद चखना चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि हमारे किसी भी विधायक और सांसद को प्रशासनिक बैठकों सहित राज्य सरकार के किसी कार्यक्रम में न्योता नहीं मिलता। मुख्यमंत्री को भी न्योता नहीं मिलने की शिकायत नहीं करनी चाहिए।’ घोष ने दावा किया कि राज्य सरकार केंद्रीय धन का इस्तेमाल कर ‘‘केंद्रीय योजनाओं का पुन: नामकरण करती है ताकि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी सरकार को श्रेय देने से बचा जा सके।