नई दिल्ली: मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मंत्रालय की कमान संभालने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को जैसे ही अपने पद से इस्तीफा दिया राजनीतिक गलियारे में उनके इस्तीफे को लेकर तरह- तरह की बातें तैरनी लगीं। कोई उनके उपराष्ट्रपति पद की दावेदारी पर बात करने लगा तो कोई कोई इसका कारण जानने में जुट गया। इन सबके बीच गुरुवार को उनका बयान सामने आया जिसमें वह अपने आगे के प्लान के बारे में बड़े शायराना अंदाज में जवाब दिया। आपको बता दें कि गुरुवार को मुख्तार अब्बास नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है।
शायराना अंदाज में बताया आगे का प्लान
पूर्व केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि राज्यसभा का कार्यकाल जरूर पूरा हुआ है लेकिन सियासी और सामाजिक जीवन का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है। इसलिए सितारों के आगे जहाँ और भी हैं अभी वक्त के इम्तिहां और भी हैं। पूरे समर्पण के साथ समाज के सरोकार को लेकर शुरू से जिस प्रकार काम करता रहा हूं, आगे भी करेंगे। ज्ञात हो कि मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे आरसीपी सिंह ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत
गुरूवार को मुख्तार अब्बास नकवी और जदयू के कोटे से राज्यसभा सांसद आरपीसी सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है। चर्चा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए भी वोटिंग होनी है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि मुख्तार अब्बास को भाजपा अपना प्रत्याशी बना सकती है। जो भी भाजपा की ओर से प्रत्याशी होगा उसकी जीत तय है क्योंकि इसमें राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य वोट करते हैं। इस समय इन दोनों सदनों को मिलाकर एनडीए का ही बहुमत है।
दूसरी चर्चा यह भी है कि उन्हें जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल बनाया जा सकता है। हालांकि इस मामले में न तो सरकार की ओर से कुछ कहा गया है और न ही मुख्तार अब्बास नकवी की ओर से। दरअसल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं गुपकार गठबंधन ने फैसला किया है कि वह मिलकर चुनाव लड़ेगा। ऐसे में मुस्लिम वोट की जरूरत भाजपा को भी है। पीर पंजाल और चिनाब घाटी की 16 सीटें भाजपा के लिए बहुत मायने रखती हैं। यहां पकड़ बनाने के लिए जरूरी है कि मुस्लिम वोट बैंक को अपनी ओर खींचा जाए।
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