लखनऊ : शासन स्तर पर प्रदेश के टॉप-50 माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की साप्ताहिक समीक्षा होगी. सरकार ने अदालतों में इन सभी लंबित मामलों के खिलाफ अगले 100 दिनों में दोषी ठहराए जाने का भी लक्ष्य रखा है. इससे पहले शासन स्तर पर टॉप-25 माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की समीक्षा की गई. कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सख्ती का संदेश देने के लिए कार्रवाई का दायरा बढ़ाया जा रहा है. इसी तरह जंगल, खनन, शराब, पशु तस्करी और जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले माफियाओं की पहचान कर गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत 500 करोड़ रुपये जब्त करने का लक्ष्य रखा गया है. टॉप-10 अपराधियों की पहचान करने के बाद पूरे प्रदेश में करीब 15 हजार अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई का जिम्मा भी पुलिस को सौंपा गया है.
सरकार की मंशा कानून-व्यवस्था के प्रति ऐसा भय पैदा करना है कि अपराधी खुद थाने पहुंचकर माफी मांगें और भविष्य में अपराध न करने की शपथ लें. पिछले दिनों शामली के थाना भवन थाना में 18 अपराधी हाथ उठाकर अपराध के लिए माफी मांगते हुए पहुंचे थे. पुलिस को इस तरह की घटनाओं को समाज के सामने पेश करने का निर्देश दिया गया है.
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अब तक 2081 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त
पिछले पांच वर्षों में पुलिस कार्रवाई में कुल 2081 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियां जब्त की गई हैं। इसमें बड़े माफिया की करीब 858 करोड़ रुपये की संपत्ति भी शामिल है. पुलिस ने माफिया के 700 से अधिक साथियों के खिलाफ 286 मामले दर्ज किए, 327 को गिरफ्तार किया और 277 हथियारों के लाइसेंस रद्द किए. इनमें से 102 पर गुंडा एक्ट, 266 पर गैंगस्टर एक्ट और सात पर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई. पिछले पांच सालों में ही पुलिस के साथ मुठभेड़ में 159 अपराधी मारे गए और 3755 अपराधी घायल हुए।

