कानपुर : सपा विधायक अमिताभ बाजपेई समेत 4 लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया. सरकारी कार्य में बाधा डालने और लोकसेवक के साथ कार्य सरकार में दखलंजादी करने के मामले में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.
जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर वर्तमान में इंस्पेक्टर कल्याणपुर अजय सिंह ने यह मुकदमा दर्ज कराया है. यह मामला तब का है जब 5 दिन पहले विवादित जमीन खाली कराने के लिए इंस्पेक्टर एक स्थान पर फर्जी आदेश लेकर पहुंचे हुए थे. वहां आदेश को फर्जी बताकर सपा विधायक अपने साथियों संग हंगामा करने लगे थे.
अंदर घुसते ही विधायकों का गुस्सा और बढ़ गया
अंदर घुसते ही विधायकों का गुस्सा और बढ़ गया. समाजवादी पार्टी से विधायक इरफान सोलंकी ने कुछ शायराना अंदाज में अपनी नाराजगी पुलिस कमिश्नर से जाहिर की. अंदर आने से रोकने पर सपा विधायक ने कहा कि यह जनप्रतिनिधि के साथ अच्छा वर्ताव नहीं है. पहले हमें पत्र देकर बुलाया गया और फिर जब हम आ गए तो हमें बाहर रोक दिया गया.
उत्तर प्रदेश में सरकार भले ही भारतीय जनता पार्टी की बनी है, लेकिन समाजवादी पार्टी के विधायकों के तेवर आज भी कड़े दिख रहे हैं. शासन के निर्देश हैं कि प्रत्येक माह पुलिस कमिश्नर शहर के सभी जनप्रतिनिधियों से मिलकर शहर की समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे. इसी के चलते सपा विधायक निर्धारित समय से वहां पहुंच गए. इस पर जब उन्हें पीआरओ ने रोका तो वह भड़क गए. उन्होंने जनप्रतिनिधि होने की गरिमा का पाठ पढ़ा दिया और पुलिस कमिश्नर से भी इसकी शिकायत की दी.
बताया गया है कि समाजवादी पार्टी के तीन जनप्रतिनिधियों को पत्र भेजकर कमिश्नरेट पुलिस द्वारा पुलिस कमिश्नर से मुलाकात का समय तय हुआ था. मिलने का समय 4:30 बजे का था, लेकिन पूर्व से ही बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण कमिश्नर के कमरे में बैठी थीं तो पुलिस कमिश्नर के पीआरओ आशीष ने समय से पहले पहुंचे समाजवादी पार्टी के सीसामऊ विधानसभा से विधायक इरफान सोलंकी और आर्य नगर विधानसभा से विधायक अमिताभ बाजपेई को कमिश्नर के कमरे में जाने से रोक दिया.
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