डिजिटल डेस्क : हैदराबाद के तेलंगाना में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना राज्य न्यायिक अधिकारी सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे. यहां उन्होनें कहा कि हमें न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे और रिक्तियों को भरने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि न्याय तक पहुंच तभी संभव होगा, जब हम पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होंगे.
CJI एनवी रमना ने आगे कहा कि देश के लोगों को न्याय के लिए इंतजार नहीं करना पड़े इसके लिए बुनियादी ढांचे और रिक्तियों को भरना होगा. वर्तमान समय में कोर्ट पर ज्यादा भार है. मैं आंकड़े पेश नहीं करना चाहता हूं. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे परेशानी होगी. लेकिन यह सत्य है इसमें कोई दो राय नहीं.
सभी वर्ग का ध्यान रखें : रमना
भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने कहा कि लोग न्याय की आस में कोर्ट पहुंचते हैं लेकिन कोर्ट का फैसला आने में कितना वक्त लगेगा ये कोई नहीं बता सकता है. रमना ने यहां जिलों के न्यायिक अधिकारियों से कहा कि वे वादियों के लिए “एक अनुकूल माहौल बनाने का काम करें” और मामलों का फैसला करते समय “मानवीय पहलू का ध्यान रखें.” उन्होंने कहा कि सभी के साथ सम्मान का व्यवहार करें और अल्पसंख्यक समाज के सदस्यों और समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के साथ सहानुभूति रखने का प्रयास करें.
#WATCH Issues of concern- Judiciary's infrastructure & filling of vacancies. Access to justice possible only when we provide sufficient no. courts & infra…Our judiciary is overburdened…Cases coming up. How many years it take for a case?: CJI NV Ramana, in Hyderabad, Telangana pic.twitter.com/UWI6GoTDaj
— ANI (@ANI) April 15, 2022
“अच्छी खबर” आने वाली थी: रमना
मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने वहां मौजूद न्यायिक अधिकारियों से कहा कि वे कानून में बदलाव के साथ खुद को अपडेट रखने का काम करें. साथ ही वे साइंस और टेक्नोलॉजी जैसे अन्य क्षेत्रों में हो रहे डेवलपमेंड की जानकारी रखें. CJI ने कहा कि उन्होंने हाल ही में वेतन आयोग के साथ बात की थी और “अच्छी खबर” आने वाली थी.
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कुछ न्यायिक अधिकारियों में अनुशासनहीनता की प्रवृत्ति
एन.वी. रमना ने तलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को न्यायिक अधिकारियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया. वहीं तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि कुछ न्यायिक अधिकारियों में अनुशासनहीनता की प्रवृत्ति देखी गई. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार की खबरे मिल रहीं हैं. वहीं कुछ अधिकारी समय के पाबंद नहीं हैं.