Sunday, June 29, 2025
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रूस-यूक्रेन युद्ध का असर : महंगे होंगे खाद्य तेल

नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई से वित्त वर्ष 2022-23 में सूरजमुखी के तेल की आपूर्ति में 25% या 4 से 6 लाख टन की कमी आ सकती है। इससे कीमतों में तेजी आ सकती है। हालांकि, खाने के तेल की कीमतें पहले से ही काफी ऊपर हैं। देश के कुल खाने के तेल की खपत 230-240 लाख टन होती है । इसमें सूरजमुखी तेल 10 फीसदी का योगदान करता है।

इसकी 60 फीसदी मांग को आयात के जरिये पूरा किया जाता है। भारत सालाना 25 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात करता है। इसमें यूक्रेन 70% और रूस 20% का योगदान करता है। क्रिसिल ने कहा, यूक्रेन और रूस सालाना 100 लाख टन कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात करते हैं।

यूक्रेन के बंदरगाहों पर करीबन 3 लाख टन सूरजमुखी तेल अटका हुआ है। हाल के समय में रूस से 45 हजार टन सनफ्लॉवर तेल 2,150 डॉलर प्रति टन के भाव पर खरीदा गया है।

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इससे कीमतों में तेजी आ सकती है। हालांकि, खाने के तेल की कीमतें पहले से ही काफी ऊपर हैं। देश के कुल खाने के तेल की खपत 230-240 लाख टन होती है । इसमें सूरजमुखी तेल 10 फीसदी का योगदान करता है।

इसकी 60 फीसदी मांग को आयात के जरिये पूरा किया जाता है। भारत सालाना 25 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात करता है। इसमें यूक्रेन 70% और रूस 20% का योगदान करता है। क्रिसिल ने कहा, यूक्रेन और रूस सालाना 100 लाख टन कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात करते हैं।

 

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