Thursday, February 6, 2025
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आरपीएफ और पत्रकारों के बीच नोकझोंक,कन्नौज में कूड़ा जला रहे दुकानकार की पिटाई का किया था विरोध

 डिजिटल डेस्क : यूपी के कन्नौज जिले में कूड़े जलाने को लेकर एक गरीब को रेलवे पुलिस ने प्रताड़ित किया। जब इस बात को लेकर एक पत्रकार ने आवाज उठाई तो रेलवे विभाग झल्ला गया और पत्रकारों की आवाज को दबाने में लग गया। इस दौरान जब मीडिया आरपीएफ पुलिस की हकीकत को कैमरे में कैद करने लगी तो रेलवे पुलिस कर्मियों ने मीडिया को ही निशाना बनाते हुए पत्रकारों पर ही हमला बोल दिया। इस मामले का पूरा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

पूरा मामला कन्नौज रेलवे स्टेशन का है। जहां स्टेशन के बाहर एक गरीब दुकानदार कूड़े को जला रहा था। इसी बात को लेकर आरपीएफ थाना प्रभारी ओपी मीणा दुकानदार को प्रताड़ित करने लगे, जिसकी सूचना एक पत्रकार को हुई और वह भी मौके पर पहुंच गये। जिसके बाद दोनों के बीच में नोकझोंक होने लगी। मामला बढ़ता देख पत्रकार ने अपने साथियों को भी इस बात की सूचना दे दी। जिसके बाद रेलवे स्टेशन पर पहुंचे पत्रकारों के साथ आरपीएफ और जीआरपी पुलिस के जवान ने पत्रकारों से अभद्रता शुरू कर दी। जब पत्रकारों ने इसका विरोध किया तो रेलवे पुलिस ने पत्रकारों कहासुनी हो गई। जिसके बाद पत्रकारों ने एकजुट होकर पत्रकार संगठनों से इस मामले में न्याय की गुहार लगाई।

पत्रकारों पर लाठी चार्ज‚ दौड़ा–दौड़ाकर पीटा

पीड़ित पत्रकारों की मानें तो नशे में धुत लगभग सारे पुलिस कर्मी,चाय की दुकान रखे युवक से वसूली के चक्कर में उसको पीट रहे थे। जिसको कवरेज करने गये पत्रकार को आरपीएफ कर्मी ने कवरेज के दौरान पत्रकारों से अभद्रता पर उतारू हो गये। जिसके बाद सिपाही, पत्रकारों द्वारा आरपीएफ कार्यालय में शिकायत करने पर पूरा आरपीएफ और जीआरपी स्टाफ उग्र हो गया। कैमरा लिए कलमकारों को दौड़ा कर आरपीएफ और जीआरपी कर्मियों ने पीटा।

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कई पत्रकारों को आई चोटें

इस घटना में तीन से चार पत्रकारों को गम्भीर चोटें भी आई हैं। घायल पत्रकार कुलदीप दीक्षित ने बताया कि वह कवरेज करने गये थे। उनको पता भी चल पाया कि अचानक रेलवे पुलिस के जवान हमलावर हो गये। जब तक वह कुछ समझ पाते उन पर लाठियां बरसाने लगे। जिसमें वह घायल हो गये। उनके साथ तीन-चार और पत्रकार घायल हुए है। रेलवे पुलिस बल के जवानों द्वारा की गयी। इस घटना की हर कोई निंदा कर रहा है। जिससे पत्रकारों में रोष व्याप्त है। कई पत्रकार संगठन इस घटना की निंदा कर रहे है। पत्रकार संगठनों का कहना है कि जब तक दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जायेगी तब तक वह चैन से बैठने वाले नहीं है।

 

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