Sunday, June 29, 2025
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बीजेपी ने यादव-मुस्लिम वोटरों को चकमा दिया; स्वामी प्रसाद मौर्य के दावे झूठे हैं; जानिए किस जाति के साथ

डिजिटल डेस्क : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार शाम आए लगभग सभी एग्जिट पोल में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने का अनुमान जताया जा रहा है. वहीं 2017 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन के बावजूद समाजवादी पार्टी बहुमत से दूर रह सकती है. कई बार एग्जिट पोल में सही भविष्यवाणी करने वाले आज के चाणक्य सर्वे में बीजेपी को 275 से 313 सीटें मिलने का दावा किया गया है. सपा को 86-124 वोट मिलने का अनुमान है। बसपा को 0-4 और कांग्रेस को 0-2 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है।

कहा जाता है कि यूपी की राजनीति में जाति सबसे बड़ी सच्चाई है और सरकार उसी की बनती है जो बेहतरीन सोशल इंजीनियरिंग करती है। आज के चाणक्य ने एक जाति सर्वेक्षण भी किया है और उसके नतीजे बताते हैं कि सपा अभी भी एमआई समीकरण को संभालने में कामयाब रही और अन्य जातियां अखिलेश के ‘नए एसपी’ वादे पर भरोसा नहीं कर सकीं। वहीं योगी सरकार से इस्तीफा देने के बाद अखिलेश से जुड़े स्वामी प्रसाद मौर्य समेत एक दर्जन से ज्यादा ओबीसी नेता सपा को अन्य पिछड़ा वर्ग का वोट नहीं दिला सके.

कौन सी जाति बीजेपी को वोट देती है
आज का चाणक्य ओपिनियन पोल कहता है कि यूपी में 65 फीसदी ब्राह्मण बीजेपी के साथ रहे और 71 फीसदी राजपूतों ने भी योगी का साथ दिया. कभी मायावती के कोर वोटर माने जाने वाले जाटवों ने भी बड़ी संख्या में बीजेपी की ओर रुख किया. बीजेपी को 34 फीसदी जाटव वोट मिलने की संभावना है. बीजेपी को 45 फीसदी एससी और 64 फीसदी ओबीसी वोट मिले हैं. वहीं बीजेपी ने मुस्लिम और यादव वोटरों में भी सेंध लगाई है, जिन्हें सपा का कोर वोटर कहा जाता है. 8 फीसदी मुस्लिम और 19 फीसदी यादवों ने भगवा पार्टी को वोट दिया है.

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सपा के साथ M-Y, अब दूसरी जातियों में नहीं होगी चोरी
आज का चाणक्य एग्जिट पोल कहता है कि सपा गठबंधन को 16 फीसदी ब्राह्मण वोट मिल सकते हैं. सपा ने ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने की बहुत कोशिश करते हुए कहा था कि वे भाजपा से नाराज हैं, लेकिन अपेक्षित सफलता नजर नहीं आ रही है. 11 फीसदी राजपूतों ने सपा को वोट दिया है और 10 फीसदी जाटव वोटर साइकिल की सवारी करते नजर आ रहे हैं. 76 फीसदी मुसलमानों ने अखिलेश का समर्थन किया और 73 फीसदी यादवों ने भी सपा के पक्ष में थे. वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य के दावों के उलट सपा को सिर्फ 23 फीसदी ओबीसी वोट मिले हैं.

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