डिजिटल डेस्क : दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान से बिगड़ती स्थिति और वैश्विक बाजारों में कमजोरी का असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। हफ्ते के पहले दिन सोमवार को सेंसेक्स 1700 से ज्यादा अंक टूटकर 55,200 के करीब पहुंच गया है। निफ्टी में भी 500 से ज्यादा अंकों की गिरावट है और यह 16500 से नीचे पहुंच गया है।बाजार में आई इस गिरावट से मार्केट कैप में 9.49 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। शुक्रवार को यह 259.47 लाख करोड़ रुपए था जो आज 249.98 लाख करोड़ रुपए रह गया है।
बाजार 494 अंक नीचे खुला था
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स आज 494 पॉइंट्स टूटकर 56,517 पर खुला था। हालांकि इसने पहले ही मिनट में 56,104 का निचला स्तर भी बना लिया। सेंसेक्स के 30 शेयर्स में केवल सनफार्मा ही बढ़त में हैं। बाकी इसके 29 शेयर्स में भारी गिरावट है। टाटा स्टील और SBI 4-4% से ज्यादा गिरे, जबकि HDFC बैंक, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, एयरटेल, टेक महिंद्रा जैसे शेयर 3-3% से ज्यादा टूटे हैं।
मारुति, रिलायंस और टाइटन भी टूटे
मार्केट में मारुति, NTPC, कोटक बैंक, रिलायंस, ITC, टाइटन के शेयर भी 2-2% से ज्यादा टूटकर कारोबार कर रहे हैं। सेंसेक्स के करीब सभी इंडेक्स गिरावट में हैं। उधर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 541 पॉइंट्स की गिरावट के साथ 16,443 पर पहुंच गया है।
निफ्टी के केवल 2 शेयर बढ़त में
निफ्टी के 50 शेयर्स में से 48 शेयर्स गिरावट में हैं और केवल 2 बढ़त में कारोबार कर रहे हैं। इसका मिड कैप, फाइनेंशियल, बैंकिंग और नेक्स्ट 50 इंडेक्स काफी ज्यादा टूटकर कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी बैंक 3%, मिडकैप इंडेक्स 3%, नेक्स्ट 50 2.59 और फाइनेंशियल इंडेक्स 2.50% टूट गया है।
टाटा मोटर्स 4 पर्सेंट टूटा
इसके प्रमुख गिरावट में टाटा मोटर्स का शेयर 4, JSW 4, टाटा स्टील 3.50, SBI 3.32 और इंडसइंड बैंक 3% टूटे हैं। सिप्ला और विप्रो बढ़त में कारोबार कर रहे हैं। इससे पहले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन में शेयर बाजार में भारी गिरावट रही। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स शुक्रवार को 889 पॉइंट्स टूटकर 57,011 पर बंद हुआ था।। इंडसइंड बैंक का शेयर 4.71% टूटा था। मार्केट कैप 4.55 लाख करोड़ रुपए घटा था।
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गिरावट के प्रमुख कारण
गिरावट का मुख्य कारण ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले, विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली और सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाए जाने की आशंका है। पिछले 40 दिनों में विदेशी निवेशकों (FII) ने बाजार से 80 हजार करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अचानक 0.15 से 0.25% रेट बढ़ा कर चौंका दिया है।