डिजिटल डेस्क: शहर में बुर्ज खलीफा की शैली में मंडप का निर्माण किया गया है। और दुबई में उस आश्चर्य के मद्देनजर हर दिन हजारों लोग मंडप के दर्शन करने के लिए दौड़ रहे हैं। लगता है दुर्गा पूजा 2021 ने कोलकाता और दुबई को एक साथ बांध दिया है। और इसलिए शायद देवी दुर्गा की पूजा ‘सिटी ऑफ जॉय’ से 3,37 किमी दूर एक रेगिस्तानी शहर में की जा रही है।
दुबई के बीचोबीच कोलकाता का एक टुकड़ा देखा जा सकता है। प्रवासी बंगाली और गैर-बंगाली ढाका को मात दे चुके हैं। रेगिस्तानी शहर में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। और इस पूजा की शुरुआत ‘उत्सव’ नामक एक सद्भाव समूह द्वारा की गई है। और उनका मुख्य मंत्र है, ‘अपनी आत्मा को भरो, अपनी प्यास बुझाओ और अधिक से अधिक जीवन दो। वे न केवल देवी की पूजा करते हैं, बल्कि पूजा के दिनों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी मस्ती करते हैं। पिछले चार साल से यही सिलसिला चल रहा है।
पूजा के कुछ ही दिनों में कोलकाता शहर का हिस्सा बन गया। इस बार बंगाल के हसनाबाद के हस्तशिल्पकार रमेश विश्वास ने दुबई के एक लग्जरी होटल को ‘ऑटम’ की थीम से सजाया है। देवी की मूर्ति कलकत्ता के कुमारतुली से भी गई थी। कलाकार कौशिक घोष। और इमोन चक्रवर्ती, शंखशुभ घोष इस पूजा में गाने सुनकर बंगालियों और गैर-बंगालियों का दिल जीतने के लिए दुबई जा रहे हैं। इतना ही नहीं, दुबई के लोगों का मनोरंजन करने के लिए देश-विदेश से कलाकारों का एक और समूह आ रहा है।
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उद्यमी स्नेहाशी, ऋतुपर्णा की रिपोर्ट है कि दुबई में 55 बंगाली-गैर-बंगाली परिवार पूजा के लिए एक साथ आते हैं। एक दिन पूजो में, वे अपने राज्य से कुछ हज़ार किलोमीटर दूर बैठे और बंगाल का स्वाद चखा।