एस्ट्रो डेस्क : आचार्य चाणक्य के सिद्धांत और विचार आपको थोड़े कठोर लग सकते हैं, लेकिन यही अनम्यता जीवन का सत्य है। जीवन की भागदौड़ में हम इन विचारों को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं, लेकिन ये शब्द जीवन की हर परीक्षा में आपकी मदद करेंगे। आज हम आचार्य चाणक्य के इस विचार से परे एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में धैर्य से काम लेने के बारे में हैं।
‘जो धैर्यवान नहीं है उसका कोई वर्तमान या भविष्य नहीं है’: आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन साथी चुनते समय केवल शारीरिक आकर्षण पर ध्यान नहीं देना चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि सुंदर जीवन साथी की तलाश में पुरुष अपने साथी के गुणों को नहीं देख पाते हैं, जिसके कारण उन्हें अपने जीवन में दुखों का सामना करना पड़ता है। इसलिए विवाह के लिए रूपों को नहीं, रस्मों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। विवाह-साथी चुनते समय, उसके धैर्य की जाँच अवश्य करें। धैर्यवान व्यक्ति अपने सभी कार्य बखूबी कर पाता है। क्रोध किसी भी रिश्ते या काम को नष्ट कर देता है।
चाणक्य यह भी कहते हैं कि आप जहां भी नौकरी करें, आपको पहले मालिक के स्वभाव को जान लेना चाहिए। अच्छे स्वभाव वाले बॉस के साथ आप शांति से काम कर पाएंगे अन्यथा समय-समय पर आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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चाणक्य सिद्धांत के अनुसार जो लोग नौकरी, व्यापार और विवाह में सफल होते हैं, वे कुशलता से व्यवहार करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें यह बताने की जरूरत नहीं है कि एक कदम कब सही साबित होगा।