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The Big Bull Movie Review : Jaaniye Kaisa Raha Film Ka Review ,

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प्रोड्यूसर अजय देवगन, आनंद पंडित
स्टार कास्ट अभिषेक बच्चन,सौरभ शुक्ला, निकिता दत्ता, इलियाना डिक्रूज और सोहम शाह
डायरेक्टर कीकू गुलाटी
म्यूजिक संदीप शिरोडकर,विली फ्रेंजी, गौरव दासगुप्ता, मेहुल व्यास
जॉनर क्राइम ड्रामा
अवधि 154 मिनट

किस कहानी पर बनी है द बिग बुल

हर्षद मेहता प्रकरण से इंस्‍पायर्ड ‘द बिग बुल’ मिडिल क्‍लास के उस वर्ग के छलांग लेने लगाने की कहानी है, जो सिर्फ 9 To 5 जॉब में यकीन नहीं रखता। यही उस तबके की गाथा है, जो एक उद्यमी बनना चाहता है। The Big Bull Movie Review

नाकि किसी की चाकरी करने वाला, बल्‍क‍ि वह नौकरी देने वाला बनना चाहता है। हर्षद मेहता ने यह सब 30 साल पहले करने की कोशिश की थी।

आज बेरोजगारी के दौर से घिरे हुए युवाओं से भी सिस्‍टम जॉब देने वाला बनने की अपील कर रहा है। इस फिल्म के किरदार एक और चीज की ओर इशारा करते हैं, कि सबसे बड़ी ताकत पैसा या पावर ही नहीं है।

शक्ति का बिंदु तो सूचना में समाहित है। जिसके पास अर्थ या राजनीतिक जगत की अंदर की खबरें हैं, वह सर्वशक्तिमान है। फिल्‍म तत्‍कालीन सरकार को भी कटघरे में ले आती है।

‘द बिग बुल’ 90s के दशक में सेट है। तब इंडिया की आर्थिक चाल काफी बड़ी करवट ले रही थी। उसी दौर में चॉल में रहने वाला नायक हेमंत शाह (Abhishek Bachchan) तत्‍कालीन बैंकिंग सिस्‍टम के लूपहोल का फायदा उठा कर वह कैसे शेयर मार्केट का शहंशाह बन जाता है, फिल्‍म उस बारे में है।

द बिग बुल में कैसा रहा अभिषेक का काम
The Big Bull Movie Review

अभिषेक बच्‍चन की किरदारों पर अच्छी पकड़ है। वह हम ‘गुरू’ फिल्म में देख ही चुके हैं। यहां हेमंत शाह की सोच, फैसलों, बेचैनी, महत्‍वाकांक्षाओं को उन्‍होंने काफी सधे हुए अंदाज में पेश किया है।

‘गुरू’ फिल्म में गुरूकांत देसाई को अभिषेक ने आक्रामक और कुछ हद तक लाउड रखा था। लेकिन हेमंत शाह को उन्‍होंने काफी शांत और संयम रखा है। The Big Bull Movie Review

बता दें की हेमंत के भाई विरेन बने सोहम शाह ने भी किरदार के हाव भाव में एक प्रकार की ग्रैविटी रखी है। उस किरदार का सुर उन्‍होंने काफी अछे से पकड़ा है। हेमंत के विरोधी बने मन्‍नू भाई की भूमिका में सौरभ शुक्‍ला हैं।

साथ ही साथ साथ बता दें की सौरभ यहां ‘जॉली एलएलबी’ के जज त्र‍िपाठी जैसा असर नहीं पैदा पाए। यहां उनका किरदार डाउनप्‍ले किया हुआ लगता है।

कैसा रहा सहकलाकारों का प्रदर्शन ?
The Big Bull Movie Review

पत्रकार मीरा राव इलियाना डिक्रूज बनीं , हेमंत की पत्‍नी के रोल में निकिता दत्‍ता और बाकी सहकलाकार भी गहरा असर छोड़ने में नाकाम रहें हैं।

वह इसलिए कि उनके किरदार का जिन राज्‍यों से सम्बन्ध है, वहां का लहजा, बॉडी लैंग्‍वेज यहां नहीं रखा गया। यह हो सकता है की मेकर्स ने इसलिए नहीं रखा होगा , क्योंकि उन्‍हें फिल्म पैन इंडिया ऑडिएंस को केटर करनी थी।

गाने भी सिचुएशन के हिसाब से डिसेंट हैं। कैरी मिनाटी का ‘द बिग बुल’ ठीक-ठाक है। कुंवर जुनेजा का लिखा ‘इश्‍क नमाजा’ कर्णप्रिय है। फिल्‍म में 90 के दशक का परिवेश प्रोडक्‍शन वैल्‍यू में नजर आता है।

डायरेक्‍टर कूकी गुलाटी ने इसकी कहानी और पटकथा अर्जुन धवन के साथ मिलकर लिखी है। डायलॉग की कमान रितेश शाह के जिम्‍मे है। कूकी, अर्जुन और रितेश ने मिलकर एक इनहेरेंट सवाल भी रखने की कोशिश की है।

वह यह कि सिस्‍टम मिडिल क्‍लास को शॉर्ट कट तरीके से अमीर बनने की चाबी नहीं थमाना चाहता, जबकि पॉलिटिशन और घाघ कारोबारी घराने बरसों से उसी तरीके से करोड़ों अपने जेब के अंदर कर रहे हैं। The Big Bull Movie Review

कूकी, अर्जुन, रितेश तीनों पूछते हैं कि अगर मिडिल क्‍लास वह शॉर्ट कट अपनाना चाहे और उसमें सफल हो तो क्‍या यह गुनाह है? ऐसे लूपहोल्‍स ही क्‍यों हैं, जहां बुलबुला भी इकॉनोमिक पावर होने का अहसास देने लगता है? ‘द बिग बुल’ एक संजीदा प्रयास है कि सिस्‍टम और समाज अपने अंदर झांके और ऐसे सवालों के जवाब ढूंढे।

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