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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नए संसद भवन का मामला, राष्ट्रपति से उद्धघाटन कराने की मांग

नए संसद भवन के उद्धघाटन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हुए एक जनहित याचिका में मांग की गई है कि संसद के नए भवन का उद्धघाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि कई विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा संसद भवन के उद्धघाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के बहिष्कार की बात कह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। कहा गया है कि राष्ट्रपति को उद्धघाटन समारोह से बाहर करके, सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है। इसमें मांग की गई है कि संसद के नए भवन का उद्धघाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए।

19 पार्टियों ने किया है बहिष्कार का एलान

कांग्रेस ने संसद के नए भवन के उद्धघाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक व्यक्ति के अहंकार और खुद के प्रचार की आकांक्षा’ ने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को इस भवन का उद्धघाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है। कांग्रेस के इस बयान से एक दिन पहले ही कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत 19 विपक्षी दलों ने पीएम मोदी द्वारा संसद के नए भवन के उद्धघाटन का बहिष्कार करने के फैसले की घोषणा की थी। विपक्षी दलों का आरोप है कि केंद्र की मौजूदा सरकार के तहत संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही निकाल दिया गया है।

उद्धघाटन राष्ट्रपति से करवाया जाए

याचिकाकर्ता का नाम सी आर जयासुकिन है। पेशे से वकील जयासुकिन तमिलनाडु से हैं। वह लगातार जनहित याचिकाएं दाखिल करते रहते हैं। उनकी इस याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 85 के तहत राष्ट्रपति ही संसद का सत्र बुलाते हैं। अनुच्छेद 87 के तहत उनका संसद में अभिभाषण होता है, जिसमें वह दोनों सदनों को संबोधित करते हैं। संसद से पारित सभी विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून बनते हैं। इसलिए, राष्ट्रपति से ही संसद के नए भवन का उद्धघाटन करवाया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा है कि 18 मई को लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन के उद्घाटन के लिए जो निमंत्रण पत्र जारी किया है, वह असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट यह निर्देश दे कि उद्धघाटन राष्ट्रपति से करवाया जाए।

ये दल रहेंगे मौजूद

इसी को लेकर लगातार सियासी बवाल मचा हुआ है। 28 मई को होने वाले समारोह का जहां कई राजनीतिक दलों ने बहिष्कार किया है। वहीं, कइयों ने शामिल होने की पुष्टि की है। समारोह में शामिल होने वाले राजनीतिक दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), शिरोमणि अकाली दल, बीजू जनता दल और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) है। इन पार्टियों ने बुधवार को एलान किया था कि वह उद्धघाटन के समय उपस्थित रहेंगे।

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