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वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी केस में कोर्ट ने चंदा कोचर और दीपक कोचर को मिली जमानत

बॉम्बे हाई कोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई की गिरफ़्तारी के बाद आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और दीपक कोचर को न्यायिक हिरासत से रिहा करने की अनुमति दे दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, “गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं है।” इसलिए चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को एक-एक लाख के निजी मुचलके पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दी है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और दीपक कोचर को एक-एक लाख रुपये की नकद जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी। सीबीआई ने उनकी रिहाई का विरोध किया है। बता दें, आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में सीबीआई ने कोचर दंपती को गिरफ्तार किया था। उसके बाद इसी मामले में वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था।

आइये जाने क्या है पूरा मामला और कोर्ट ने क्या कहा

आरोपों के मुताबिक आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर ने बैंक के नियमों का उल्लंघन करते हुए वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये ऋण दिया था। धूत ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को ऋण मिलने के बाद कथित तौर पर न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) में करोड़ों रुपये का निवेश किया।

इस फर्म को धूत ने आईसीआईसीआई से ऋण मिलने के छह माह बाद चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर शुरू किया था। एक गुमनाम मुखबिर की एक शिकायत के बाद मामले का खुलासा हुआ। जनवरी 2019 को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने वेणुगोपाल धूत, चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया। फरवरी 2019 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, “गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं है। इसलिए चंदा कोचर और दीपक कोचर को एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी।

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