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बीजेपी के सांसदों ने मोहब्बत की दुकान को लेकर राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी

बीजेपी के सांसदों ने राहुल गांधी को एक चिट्ठी लिखी है। ये चिट्ठी मोहब्बत की दुकान को लेकर लिखी गई है। चिट्ठी बीजेपी के 3 सांसद राज्यवर्धन राठौर, पूनम महाजन और प्रवेश साहिब सिंह ने लिखा है। चिट्ठी में सांसदों ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। सांसदों ने लिखा कि आपकी मोहब्बत की दुकान के बारे में सुनकर अच्छा लगा। सचमुच मोहब्बत में परस्पर जोड़ने सशक्त बना सकते हैं।

सांसदों ने आगे लिखा कि अमेरिका में आपने इस मोहब्बत की दुकान से अपनी मातृभूमि और देश के लिए जी भरकर नफरत फैलाई है। वैसे नफरत फैलाना आपके परिवार और आपकी पार्टी के लिए कोई नई बात नहीं। अगर आप इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो वे चीख-चीखकर इन किस्सों की गवाही देंगे।

कांग्रेस के राज में सबसे अधिक दंगे – बीजेपी

सांसदों ने आगे कहा कि कांग्रेस के राज में सबसे अधिक दंगे हुए और नफरत की दुकानें सजाई गईं। आपको पहले कांग्रेस राज में हुए नरसंहारों के बारे में भी जरूर जानना चाहिए। वह चाहे पंडित नेहरू हों या आपके पिता राजीव गांधी। सभी ने न सिर्फ हजारों लोगों के कत्लेआम को जायज ठहराया, बल्कि नफरत की आग को और तेजी से भड़काया। आपको याद दिला दें कि आजाद भारत का पहला नरसंहार नेहरू के कार्यकाल में हुआ। 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद महाराष्ट्र में हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। इसके पीछे पैगाम देने वाले लोग कांग्रेसी ही थे।

कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं बख्शती – बीजेपी सांसद

सांसदों ने चिट्ठी में लिखा कि आपकी कांग्रेस पार्टी की शुरू से परंपरा रही है कि वे अपने वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं बख्शती। नेहरू के दिल में न जानें कैसी मोहब्बत थी कि उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सलाह दी कि वो सरदार वल्लभभाई पटेल के अंतिम संस्कार में न जाएं। सांसदों ने आगे कहा कि आज जैसे कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हैं, वैसे ही कभी सीताराम केसरी अध्यक्ष हुआ करते थे।

उनको तो कांग्रेस ने बेइंतहा बेईज्जती के साथ कांग्रेस अध्यक्ष पद से बेदखल किया था। कांग्रेसियों ने उनकी धोती तक खोल दी थी और बाथरूम में बंद कर दिया था। आप किस मोहब्बत की बात करते हैं। चिट्ठी में आगे लिखा गया कि राहुल गांधी आपकी और आपकी पार्टी की मोहब्बत की इतनी मिसालें हैं, जिनको लेकर हम तो बस यही कह सकते है-

“हमको नफरत करने से फुरसत न मिली दोस्तो

वरना ये बताते कि मोहब्बत किसको कहते हैं!”

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