14 दिसंबर गीता जयंती है। यह हर साल मार्गशीर्ष महीने में शुक्लपक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। इतिहासकारों के अनुसार 2021 गीता उपदेश का 5159वां वर्ष है।
दिनांक
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की एकादश तिथि सोमवार 13 दिसंबर को रात 09:32 बजे से शुरू हो रही है. ग्यारहवीं तिथि (Gita Jayanti 2021) मंगलवार 14 दिसंबर की रात 11.35 बजे तक वैध रहेगी. ऐसे में इस साल 14 दिसंबर को गीता जयंती मनाई जाएगी.
पूजा की विधि
गीता जयंती 2021 के दिन ब्रह्मा के पास उठकर भगवान विष्णु को प्रणाम करके दिन की शुरुआत करें। फिर गंगा जल में स्नान करें और Om गंगा हर हर गंगा मंत्र का जाप करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें, पीले फल, फूल, अगरबत्ती, दरबा आदि से भगवान विष्णु की पूजा करें। यदि भक्त के पास पर्याप्त समय हो तो उसे गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें।
मोक्षदादाशी व्रत गीता जयंती के दिन मनाया जाता है। ऐसे में मोक्षदा एकादशी का व्रत मंगलवार को रहेगा क्योंकि यह 14 दिसंबर का दिन है. एकादशी का व्रत प्रातः काल ब्रह्म में स्नान करने के बाद ही किया जाता है।
मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त और बीतने का समय
मोक्षदा एकादशी मंगलवार, 14 दिसंबर, 2021
परना (उपवास तोड़ने) का समय – सुबह 08:08 से 9:10 बजे तक
ग्यारहवीं तिथि शुरू – 13 दिसंबर, 2021 को रात 09:32 बजे।
ग्यारहवीं तिथि समाप्त होगी- 14 दिसंबर 2021 रात 11:35 बजे।
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