यह सरकार देश मे मुसलमानों के धार्मिक स्थल को बुलडोजर से गिराया जा रहा हैं। तो वक्फ संशोधन बिल लाकर गरीब मुसलमानों का कैसे भला कर सकती है। भारत के मुसलमान को जातिगत अपमानित किया जाता हैं। संविधान में सबको अपना धर्म मनाने की इजाजत देता है। जब की तानाशाही सरकार द्वारा हमे यह साबित करना पड़ रहा हैं की हम क्या खाएं, क्या पीए, क्या कैसे सोए कैसे चले यह सरकार तय करेगी। यहां तक कि मुसलमानों को देश भक्ति का सबूत भी देना पड़ रहा हैं। जबकि हम मुसलमान इस देश के वफादार हैं। देश की आजादी मे हमारा खून भी बहा हैं।
वक्फ संशोधन बिल एक काला कानून – अब्दुल गनी शेख
माननीय राष्ट्रपति के नाम धरना प्रदर्शन और प्रोटेस्ट के माध्यम से आपका ध्यान आवंटित किया जाता हैं कि देश मे मुसलमानों के साथ जो कुछ हो रहा हैं वह ठीक नहीं है। वक्फ संशोधन बिल लाकर देश मे तबाही व दंगे के अलावा कुछ नहीं है। माननीया राष्ट्रपति महोदया से आग्रह है कि देश मे वक्फ कानून लाया गया है वह असंवैधानिक हैं। इसका पूरे भारत के मुसलमान पुरजोर विरोध करते हैं।
अत उक्त बिल हमारे पूर्वजों ने वक्फ की हुईं जमीनों को केंद्र सरकार छिनना चाहती हैं। अत देश के मुसलमानों के साथ गहरी साजिश है, इस बिल को सरकार वापस ले अन्यथा बड़ा आंदोलन होगा। इस अवसर पर अध्यक्ष अब्दुल गनी शेख, सलाउद्दीन फूमती, सूफियान सुई, मौलाना बिलाल, मौलाना हबीब, मौलाना जाकिर सहित समाजसेवी मौजूद रहे।
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