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वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम सुनवाई, 70 से ज्यादा याचिकाओं पर बहस आज

विपक्षी दलों के विरोध के बीच संसद से पारित होकर कानून बन चुके वक़्फ़ (संशोधन) एक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। करीब 73 याचिकाएं वक्फ एक्ट के खिलाफ दायर की गई हैं।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख ओवैसी, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के अरशद मदनी समेत कई लोगों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अब तक 10 याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है। इस मुद्दे पर कई नयी याचिकाएं भी शीर्ष अदालत में दायर की गई हैं जिन्हें सूचीबद्ध किया जाना है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की कैविएट

इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर कर कोई भी आदेश पारित करने से पहले मामले की सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया था। दरअसल, कविएट किसी पक्षकार द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की जाती है कि इसे सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाए।केंद्र सरकार ने हाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया था। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ( AIMPLB), जमीयत उलेमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK), कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद अन्य प्रमुख याचिकाकर्ता हैं।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दायर की थी याचिका

7 अप्रैल को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल को याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार करने का आश्वासन दिया था। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 6 अप्रैल को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। अधिवक्ता लजफीर अहमद के मार्फत दायर ओवैसी की याचिका में कहा गया है कि वक्फ को दिये गए संरक्षण को कम करना मुसलमानों के प्रति भेदभाव है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 15 का उल्लंघन है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शुरू किया अभियान

वक्फ कानून के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक नया अभियान शुरू किया है जिसका नाम वक्फ बचाव अभियान दिया गया है। इस अभियान का पहला चरण कुल 87 दिनों तक चलेगा। यह 11 अप्रैल से शुरू हो चुका है और 7 जुलाई तक चलेगा। इसे साथ ही वक्फ कानून के विरोध में एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। इसके बाद अगली रणनीति तय की जाएगी।

वक्फ संशोधन बिल से जुड़ी अहम बातें

1.   देश आजाद होने के बाद 1950 में वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए कानूनी तौर पर एक संस्था बनाने की जरूरत महसूस हुई।

2.    1954 में वक्फ एक्ट के नाम केंद्र सरकार ने कानून बनाया और सेंट्रल वक्फ काउंसिल का प्रावधान किया।

3.     1955 में इस कानून में बदलाव करते हुए हर राज्य में वक्फ बोर्ड बनाए जाने की शुरुआत हुई।

4.    फिलहाल देश में करीब 32 वक्फ बोर्ड हैं। ये वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन और रखरखाव करते हैं।

5.    कुछ प्रदेशों में शिया और सुन्नी मुस्लिमों के लिए वक्फ बोर्ड अलग हैं।

6.    1954 के इसी कानून में केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल के जरिए बदलाव किया है।

वक्फ संशोधन कानून की टाइमलाइन

>>    वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 को लोकसभा में 8 अगस्त, 2024 को पेश किया गया था।

>>    इस वक्फ (संशोधन) बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को 8 अगस्त, 2024 को भेजा गया था

>>    संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट 30 जनवरी, 2025 को प्रस्तुत की गई।

>>    वक्फ (संशोधन) बिल को लोकसभा में 2 अप्रैल, 2025 को पारित किया गया।

>>    वक्फ (संशोधन) बिल को राज्यसभा में 3 अप्रैल, 2025 को पारित किया गया।

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