एस्ट्रो डेस्क : कार्तिक मास की कृष्णपक्ष एकादशी 1 नवंबर को है। इसे रमा एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों का व्रत करना चाहिए। माना जाता है कि रमा एकादशी के व्रत से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। महालक्ष्मी का दूसरा नाम राम है। इस दिन विष्णुजी से मां लक्ष्मी का अभिषेक करें। ऊँ नमो भगवते बासुदेव के मंत्र का जाप करें। दिवाली से पहले रमा एकादशी पर विष्णु-लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। ग्यारहवें दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर घर के मंदिर में व्रत व पूजा करने का संकल्प लेना चाहिए। जो लोग इस दिन व्रत करना चाहते हैं उन्हें ऐसा व्रत करना चाहिए। जो लोग उपवास नहीं कर सकते वे फल और दूध खाकर उपवास कर सकते हैं।
इस एकादशी पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करें। बालकृष्ण की मूर्ति के पंचोपचार की पूजा करें। यदि आप स्वयं पूजा नहीं कर सकते हैं, तो आप ब्राह्मण की सहायता ले सकते हैं। केसर मिश्रित दूध में बाल गोपाल का डेब्यू। इसके लिए आपको सही शंख का प्रयोग करना होगा।
फिर बाल गोपाल का शुद्ध जल से अभिषेक करें। बाल गोपाल को माला और फूल अर्पित करें, नए वस्त्र धारण करें। तुलसी के साथ परोसें। इस समय क्रीम कृष्ण में नमः मंत्र का जाप करते रहें। धूप-दीप जलाकर प्रार्थना करें। पूजा के बाद स्वयं प्रसाद लें और दूसरों में बांटें। आज सुबह-शाम प्रभु की आराधना करें। हो सके तो इस दिन श्रीमद्भागवत या गीता का पाठ करें।
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एकादशी के दिन सूर्यास्त के बाद तुलसी की पूजा करें। इसके लिए तुलसी के पास दीपक जलाकर परिक्रमा करें। सावधान रहें कि तुलसी को न छुएं। सूर्यास्त के बाद तुलसी को छूना गलत है।