भाजपा की दिग्गज नेत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती क्या अपना राजनीतिक एकांतवास खत्म करने वाली हैं। इसकी चर्चा भाजपा में जोरों पर है क्योंकि उन्होंने खुद कहा है कि वह 2029 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि झांसी मेरी है और मैं यहीं से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहती हूं। उमा भारती ने खुद ही राजनीति से दूरी बना ली थी और अन्य चीजों को प्राथमिकता बताया था। लेकिन अब खुद ही वह अपना राजनीतिक एकांत खत्म करती दिख रही हैं। उनके बयान से यूपी में चर्चा भी है और फिलहाल झांसी और उसके आसपास के इलाके में हलचल तेज है।
राजनीति में हाशिए पर रत्ती बराबर भी नहीं
वह पहले भी झांसी, महोबा जैसे इलाकों में सक्रिय रही हैं। उमा भारती लोधी समाज से आती हैं और इस बिरादरी की झांसी एवं उसके आसपास के इलाकों में काफी अच्छी है। पश्चिम यूपी, पूर्वी यूपी से लेकर बुंदेलखंड तक में लोधी समाज की अच्छी खासी आबादी है। कल्याण सिंह इस वर्ग के नेता हुआ करते थे, लेकिन अब उनकी गैर-मौजूदगी में उमा भारती शायद अपने लिए स्पेस देख रही हैं। उमा भारती के बयान से इसके संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं राजनीति में हाशिए पर रत्ती बराबर भी नहीं हूं। मैंने पार्टी को सूचना दे दी है कि मैं 2029 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। पार्टी अगर चाहेगी तो मैं 2029 का चुनाव जरूर लडूंगी। लेकिन मैं लोकसभा का चुनाव सिर्फ झांसी से लडूंगी।
उमा भारती अपनी भूमिका स्थापित करने की कोशिश में
उन्होंने कहा कि अगर पार्टी कहेगी तो मैं ना नहीं कहूंगी। उन्होंने कहा, बाकी मुझे और किसी प्रकार की राजनीति में रुचि नहीं है। राज्य में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि इस बयान से उमा भारती अपनी एक भूमिका स्थापित करने की कोशिश में हैं। हालांकि ज्यादातर नेता मानते हैं कि अभी उमा भारती के बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगा। इसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव के बारे में फैसला हाईकमान को लेना है और अभी 4 साल का वक्त बाकी है। इसके अलावा उमा भारती कई बार पार्टी नेतृत्व को ही इशारों में असहज करने वाले बयान देती रही हैं। ऐसे में उनकी किस स्तर पर और कैसे वापसी होगी। यह कहना मुश्किल है।
क्या हैं समीकरण, जिससे उत्साहित हैं उमा भारती
भाजपा के ही एक नेता का कहना है कि 4 साल पहले किसी चीज के ऐलान का कोई तुक नहीं है। लेकिन शायद वह झांसी में तैयारी रखना चाहती हैं। इसी इरादे से उन्होंने ऐसी बात कही है। फिर भी देखना होगा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में कैसी स्थिति रहती है और उन्हें क्या भूमिका मिलती है। उसके आधार पर ही उनकी 2029 की भूमिक तय होगी। झांसी लोकसभा क्षेत्र के ज्यादातर इलाके में लोधी समाज की बड़ी आबादी है। इस संसदीय क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से तीन पर लोधी समाज की आबादी एक लाख के करीब है।
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