सुसाइड नोट में चौंकाने वाले आरोप
श्वेता सिंह ने सुसाइड नोट में दो संकाय सदस्यों, माही मैम और भागवत सर का नाम लेते हुए उन पर दो साल से ज्यादा समय तक मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने गंभीर शैक्षणिक कुप्रबंधन पर निराशा व्यक्त की। श्वेता ने सुसाइड नोट में परीक्षाओं में देरी और डिग्री पूरी होने की अनिश्चितता की बात कही। इसके अलावा उसने अंतिम वर्ष की छात्रा होने के बावजूद जूनियर छात्रों के साथ आंतरिक परीक्षा देने के लिए मजबूर करने का जिक्र किया। श्वेता ने कॉलेज पर उन छात्रों को पास करने का आरोप लगाया, जो कभी कक्षाओं में उपस्थित ही नहीं हुए।
जानबूझकर फेल करना
श्वेता सिंह ने लिखा कि हमारे बैचमेट बहुत पहले ही इंटर्न बन गए थे, उन्हें 2-3 महीने से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन हम अभी भी अंतिम वर्ष में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा था कि हम दो महीने में परीक्षाएं पूरी कर लेंगे, दो साल से ज्यादा हो गए हैं। भगवान ही जाने हमें अपनी डिग्री कब मिलेगी। श्वेता ने आगे लिखा कि उन्होंने मेरा करियर बर्बाद कर दिया। मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती। वे पैसों के लिए बच्चों को प्रताड़ित करते हैं। अगर पैसे दोगे तो पास हो जाओगे, नहीं दोगे तो खून चूस लेंगे। श्वेता ने नोट में न्याय की भी अपील की, अगर भारत में न्याय है। तो कृपया सुनिश्चित करें कि भागवत सर को हमेशा के लिए जेल भेज दिया जाए। उन्हें भी वही यातनाएं झेलनी चाहिए जो वे छात्रों पर ढाते हैं।
छात्रा के समर्थन में विरोध प्रदर्शन शुरू
श्वेता सिंह की आत्महत्या के बाद शुक्रवार सुबह कॉलेज के छात्रों ने अपनी मृत सहपाठी के लिए न्याय की मांग करते हुए परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन के लगातार दबाव, पढ़ाई में देरी और मानसिक प्रताड़ना के कारण श्वेता ने इतना बड़ा कदम उठाया। उन्होंने आगे दावा किया कि अब कॉलेज प्रशासन उन पर विरोध प्रदर्शन खत्म करने का दबाव बना रहा है। वहीं सूचना मिलते ही सुखेर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रों को शांत करने की कोशिश में जुट गई।
पुलिस ने शुरू की जांच
बता दें कि श्वेता सिंह जम्मू की रहने वाली थीं और एक पुलिस कांस्टेबल की इकलौती बेटी थीं। उनकी अचानक मौत ने उनके परिवार और साथियों को स्तब्ध कर दिया है। फिलहाल पुलिस ने आरोपों की जांच शुरू कर दी है और उम्मीद है कि वे संकाय सदस्यों से पूछताछ करेंगे और प्रशासनिक रिकॉर्ड की समीक्षा करेंगे। अधिकारियों ने अभी तक किसी भी औपचारिक आरोप की पुष्टि नहीं की है, लेकिन कहा है कि संस्थागत लापरवाही सहित सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।
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