एस्ट्रो डेस्क : छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। सूर्यदेव की सीधे पूजा की जाती है। सूर्य देव की शक्ति से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। उनकी कृपा से सभी रोग दूर हो जाते हैं। पारिस्थितिकी ने सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय बताए हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में।
सूर्य देव को अग्नि का रूप माना गया है, इसलिए पारिस्थितिकी में सूर्य देव को विशेष महत्व दिया गया है। सूर्य की किरणें स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं। सूर्यदेव को ग्रह का राजा भी कहा जाता है। घर में पूर्व दिशा में सूर्य देव के साथ सात घोड़ों की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है। जिस घर में जेवर रखे हैं उस घर में अगर आप तांबे की सूर्य की मूर्ति रखते हैं तो कभी भी आर्थिक परेशानी नहीं होगी। सूर्य देव की मूर्ति को बाल गृह में रखने से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। यदि कोई व्यक्ति घर में किसी रोग से पीड़ित है तो उस घर में आपको सूर्य देव की मूर्ति अवश्य रखनी चाहिए। बस्तु के अनुसार यदि रसोई में तांबे की सूर्य की मूर्ति स्थापित की जाए तो भोजन की कमी नहीं होती है। जब कार्यस्थल में सूर्य देव की मूर्ति स्थापित की जाती है, तो सुधार के अवसर शुरू होते हैं। घर के मंदिर में तांबे की सूर्य प्रतिमा स्थापित करें। सूर्योदय के समय घर के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखें।
छठ महापर्व एक प्रकृति पूजा है, साथ ही ये एक अनुशासन का पर्व भी है
रविवार के दिन लाल-पीले कपड़े, गुड़ और लाल चंदन का प्रयोग करें। रविवार को सूर्यास्त से पहले नमक का प्रयोग न करें। रविवार के दिन तांबे का सामान न खरीदें और न ही बेचें। मान्यता के अनुसार जिस प्रकार सूर्य देव के व्रत में शरीर स्वस्थ रहता है, उसी प्रकार अशुभ फल भी अच्छे फल बनते हैं। ऐसी व्यवस्था भी की जानी चाहिए कि सूरज की रोशनी किचन और बाथरूम तक पहुंचे। रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।