संभल दंगा मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने संभल से सांसद ज़िया उर रहमान बर्क से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान एसआईटी ने दंगे से एक दिन पहले और घटना वाले दिन की गतिविधियों को लेकर सांसद से तीखे सवाल किए। पूछताछ की शुरुआत 19 नवंबर को जामा मस्जिद में हुए पहले सर्वे से जुड़ी घटनाओं से हुई।
वही पूरी पूछताछ में सांसद कई सवालों पर “मुझे याद नहीं” कहते रहे। जैसे – 24 नवंबर की सुबह 7 से 10 बजे के बीच किससे बातचीत की थी। इस पर उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी ज़िया उर रहमान बर्क के बयानों की अब तक की पड़ताल और अभियुक्तों के बयान से तुलना कर रही है। इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।
सांसद जिया उर रहमान बर्क से पूछे गए तीखे सवाल
एसआईटी ने पूछा कि जब सर्वे शुरू हुआ, तो वे भीड़ के साथ क्यों पहुंचे और किसके कहने पर गए थे। जवाब में ज़िया उर रहमान ने कहा कि उन्हें सर्वे की जानकारी टीवी चैनलों से मिली थी और वह अपने पीए के साथ मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने दावा किया कि भीड़ पहले से मौजूद थी और उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। एसआईटी ने यह भी सवाल किया कि उस दिन उन्होंने भाषण देकर भीड़ को उकसाया, जिस पर सांसद ने कहा कि उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया बल्कि केवल मीडिया से बातचीत की थी।
एसआईटी ने सांसद से 23 नवंबर की रात 10:01 बजे ज़फ़र अली से हुई बातचीत के बारे में पूछा। सांसद ने पहले कहा कि उन्हें कुछ याद नहीं है, लेकिन जब व्हाट्सएप कॉल के स्क्रीनशॉट दिखाए गए तो उन्होंने कहा कि ज़फ़र अली ने उन्हें बताया था कि सुबह सर्वे होने वाला है, जिस पर उन्होंने कहा था कि वह बाहर हैं और सर्वे शांतिपूर्ण तरीके से होने दिया जाए।
सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने दिए जवाब
एसआईटी ने पूछा कि 10:01 बजे की बातचीत में क्या हुआ था, तो सांसद ने बताया कि ज़फ़र अली ने उनकी लोकेशन पूछी थी और उन्होंने कहा था कि वो बाहर हैं और बाद में कॉल करेंगे हालांकि, पुलिस को दिए बयान में ज़फ़र अली ने दावा किया है कि सांसद ने उन्हें भीड़ जुटाने और सर्वे को रोकने को कहा था। इस पर सांसद ने इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने कोई भीड़ नहीं इकट्ठा की और न ही किसी को ऐसा करने को कहा।
एसआईटी ने पूछा कि 24 नवंबर को वे कहां थे। सांसद ने जवाब में कहा कि वे बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। लेकिन पुलिस हिरासत में मौजूद कई अभियुक्तों ने बयान दिया है कि सांसद उसी दिन संभल में थे और फोन पर उनसे संपर्क में थे। इस पर ज़िया उर रहमान ने कहा, “मैं सांसद हूं, कोई भी कॉल करता है तो उठाता हूं।” एसआईटी ने पूछा कि ज़फ़र अली से उनकी पहचान कैसे है। जवाब में सांसद ने कहा कि ज़फ़र अली शाही जामा मस्जिद के सदर हैं और उनका परिवार सामाजिक गतिविधियों से जुड़ा है, इसलिए वे आते-जाते रहते हैं।
आरोपियों से संबंधों को लेकर भी पूछे गए सवाल
सुहैल इकबाल से संबंधों पर उन्होंने कहा कि वह विधायक के बेटे हैं, उनसे कोई व्यक्तिगत जुड़ाव नहीं है। एसआईटी ने यह भी पूछा कि जब सुहैल इकबाल ने भीड़ को संबोधित करते हुए उनका नाम लिया और कहा कि “ज़िया उर रहमान बर्क हमारे साथ हैं”, तो वह बयान किस आधार पर दिया गया। इस पर सांसद ने साफ इनकार किया कि उन्होंने सुहैल से ऐसा कुछ नहीं कहा।
एसआईटी ने सवाल किया कि अगर वे शांति की अपील कर रहे थे तो ज़फ़र अली को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों को भड़काने के लिए क्यों कहा। इस पर सांसद ने कहा कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए कोई निर्देश नहीं दिया था। ज़फ़र अली ने खुद ही वीडियो रिकॉर्ड कर उन्हें भेजी थी, जो मीडिया द्वारा शूट की गई थी।
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