एस्ट्रो डेस्क : नए साल की शुरूआत होने में अब कुछ ही दिन रह गए हैं. ऐसे में साल के पहले ही दिन भगवान शिव के पूजन का विशेष संयोग बन रहा है. इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शिवरात्रि के इस व्रत को कृष्ण पक्ष के दौरान चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है. शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का महान पर्व है. भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि की मध्यरात्रि में भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे. शिव लिंग की सबसे पहले भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने पूजा की थी. ये दिन हर महीने मनाया जाता है जबकि महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है. मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
जो भक्त मासिक शिवरात्रि व्रत का पालन करना चाहते हैं, वे इसे महाशिवरात्रि के दिन से शुरू कर सकते हैं और इसे एक वर्ष तक जारी रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से कठिन कार्यों को पूरा किया जा सकता है. भक्तों को मध्यरात्रि के दौरान शिव पूजा करनी चाहिए. अविवाहित महिलाएं विवाह के लिए ये व्रत रखती हैं और विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में शांति बनाए रखने के लिए ये व्रत रखती हैं.
मासिक शिवरात्रि की तिथि
पंचांग के अनुसार चतुर्दशी की तिथि की शुरुआत 1 जनवरी 2022 को प्रात: 7 बजकर 17 मिनट से होगी. 2 जनवरी 2022, रविवार को प्रात: 3 बजकर 41 मिनट पर चतुर्दशी की तिथि का समापन होगा.
मासिक शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 01 जनवरी, शनिवार को पूजा मुहूर्त का समय रात 11 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और देर रात 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.
मासिक शिवरात्रि व्रत विधि
मासिक शिवरात्रि की पूजा आधी रात को की जाती है जिसे निशिता काल भी कहा जाता है. इसकी शुरुआत भगवान शिव की मूर्ति या शिव लिंग के अभिषेक करने से होती है. भक्त गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, सिंदूर, हल्दी पाउडर, गुलाब जल और बेल के पत्ते चढ़ाते हैं. इसके बाद शिव आरती या भजन गाए जाते हैं और शंख बजाया जाता है. इसके बाद भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं. शिवरात्रि व्रत पूरे दिन रखा जाता है और अगले दिन पारण किया जाता है.
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मासिक शिवरात्रि मंत्र
व्रत के दौरान ॐ नमः शिवाय का जाप करना काफी शुभ माना जाता है.
मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि का हिंदुओं के लिए धार्मिक महत्व है. ये भगवान शिव की पूजा करने और आंतरिक शांति के लिए आशीर्वाद लेने का सबसे शुभ दिन है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन उपवास करने से व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष प्राप्ति होती है.