तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द की कर दी गई है। संसद ने इस बारे में एक प्रस्ताव पास कर दिया है। महुआ के खिलाफ ये एक्शन कैश फोर क्वेरी केस में लिया गया है। बता दें कि शुक्रवार को लोकसभा में एथिक्स कमेटी ने महुआ के खिलाफ जांच रिपोर्ट को पेश किया था जिसके बाद ये कार्रवाई की गई।
रिश्वत लेने का लगा है आरोप
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। दुबे ने कहा कि आरोप सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के पत्र पर आधारित थे जो उन्हें मिला था, जिसमें मोइत्रा और व्यवसायी के बीच “रिश्वत के लेन-देन के कई सबूत मौजूद हैं।
मुहआ मोइत्रा ने की बदतमीजी- भाजपा
कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर बीजेपी की सांसद अपराजिता सांरगी ने कहा कि विपक्ष से सवाल है कि उन्होंने (महुआ मोइत्रा) ने जो किया वो सही था या गलत। तीन बैठक हुई और इसमें महुआ मोइत्रा को समय दिया गया। मीटिंग के दौरान मोइत्रा ने बदतमीजी भी की।
महुआ मोइत्रा को लोकसभा सदस्य के रूप में निष्कासित
टीएमसी की महुआ मोइत्रा को लोकसभा सदस्य के रूप में निष्कासित करने के बाद सदन को 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। इसलिए, उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है।
विपक्षी सांसदों ने की थी निष्कासित किये जाने से पहले चर्चा की मांग
पहले यह रिपोर्ट चार दिसंबर को लोकसभा में पेश किये जाने के लिए सदन की कार्यसूची में सूचीबद्ध थी। कुछ विपक्षी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया है कि महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने पर फैसला लिये जाने से पहले समिति की सिफारिशों पर सदन में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए।
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