दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केजरीवाल के बयान का जिक्र किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, केजरीवाल कहते हैं कि अगर आप झाड़ू को वोट देंगे, तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था, यह संस्था के मुंह पर तमाचा मारने जैसा है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, अगर इस याचिका को अदालत स्वीकार करती है तो यह एक परंपरा बन जाएगी। इसलिए याचिका की योग्यता पर पहले पक्ष रखेंगे। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि याचिकाकर्ता कह रहे हैं कि धारा 19 की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और इस प्रकार रिमांड आदेश बिल्कुल भी पारित नहीं किया जा सकता है।
प्रचार के लिए जमानत देना कोई अपवाद नहीं
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना कोई अपवाद नहीं है और इस फैसले के आलोचनात्मक विश्लेषण का स्वागत है। पीठ ने कहा, हमने किसी के लिए अपवाद स्वरूप कुछ नहीं किया है। हमने अपने आदेश में वही कहा, जो हमें न्यायोचित लगा।
किसी के लिए अपवाद नहीं – सुप्रीम कोर्ट
इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केजरीवाल के बयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल कहते हैं कि अगर आप झाड़ू को वोट देंगे, तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि यह केजरीवाल की धारणा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं ? जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम इस मसले पर नहीं जाएंगे। हमारा आदेश स्पष्ट है कि केजरीवाल को कब आत्मसमर्पण करना है। यह सुप्रीम कोर्ट में बोली ईडी का आदेश है और कानून का शासन इसी से संचालित होगा। हमने किसी के लिए अपवाद नहीं बनाया।
केजरीवाल ने क्या कहा था ?
केजरीवाल ने दिल्ली में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जेपी अग्रवाल और उदित राज के लिए प्रचार कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह आपके हाथ में है कि मैं जेल जाऊं या नहीं, यदि आप कमल चुनते हैं, तो मुझे वापस जेल जाना होगा। यदि आप इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को चुनते हैं, मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा। केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। उन्हें उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी है।
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा ?
सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि कृपया पीएमएलए की धारा 19 देखें, यह धारा 482 के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 227 के तहत एक याचिका है और मेरी कोशिश यह होगी कि हर कोई इस याचिका का सहारा नहीं ले सके और अगर इस पर विचार किया गया और ऐसी कई याचिकाएं दायर होंगी। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि पीएमएलए के तहत बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां होती हैं। हमने विजय मदनलाल फैसले के बाद के आंकड़े दिए हैं, फैसला 2022 में था और तब से कुल गिरफ्तारियां 313 थीं।
यह अधिनियम 2002 में लाया गया था। हम एक स्टैंडअलोन देश नहीं हैं जहां मनी लॉन्ड्रिंग होती है। ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हैं जिनमें कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक वैश्विक अपराध है। हमारा कानून एफएटीएफ के अनुरूप है। हर 5 साल में एक सहकर्मी समीक्षा होती है और यह देखा जाता है कि हमारा विधायी ढांचा क्या है और इसे कैसे लागू किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उधार के लिए हमारी साख पात्रता भी इसी पर निर्भर करती है।
Read more : वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह का चुनाव लड़ना तय, नामांकन हुआ स्वीकार